स्वतंत्रता दिवस पर टीवी कलाकारों ने कहीं ये बातें , मिलनी चाहिए इन समस्याओं से आजादी
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स्वतंत्रता दिवस पर टीवी कलाकारों ने कहीं ये बातें , मिलनी चाहिए इन समस्याओं से आजादी

शवासी इस वर्ष 72 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं. हमारे सहयोगी अखबार डीएनए की ओर से कई टीवी कलाकारों से पूछा गया कि वो किसी चीज से आजादी चाहते हैं. ज्यादतार कलाकारों ने खराब सड़कों, प्रदूषण, ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं से आजादी पाने की बात कही. आइये जानते हैं किसने क्या कहा. 
 

स्वतंत्रता दिवस पर टीवी कलाकारों ने भी कई समस्याओं से आजादी की बात कही (फाइल फोटो)

नई दिल्ली/ छाया उन्नीकृष्णन : देशवासी इस वर्ष 72 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं. हमारे सहयोगी अखबार डीएनए की ओर से कई टीवी कलाकारों से पूछा गया कि वो किसी चीज से आजादी चाहते हैं. ज्यादतार कलाकारों ने खराब सड़कों, प्रदूषण, ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं से आजादी पाने की बात कही. आइये जानते हैं किसने क्या कहा. 
 
करण पटेल 
मैं भारतीय सामाज की उस सोच से आजादी चाहता हूं जो तय करती है कि महिलाएं क्या पहनें और क्या न पहनें. यदि कोई महिला शॉट स्कर्ट पहनती है तो लोग उसे जज करने लगते हैं. ऐसे में मुझे लगता है कि हमें ये सब बंद करना चाहिए और हमें ऐसा देश बनाना चाहिए जिस पर सभी को गर्व हो.  

  1. स्वतंत्रता दिवस पर टीवी कलाकारों ने भी कई समस्याओं से आजादी की बात कही 
  2. टीवी कलाकारों ने ट्रैफिक जाम, प्रदूषण व अन्य सामाजिक समस्याओं से आजादी की बात कही  
  3. मुंबई की खराब सड़कें टीवी कलाकारों के लिए सबसे बड़ी समस्या बनी हई है 
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दिव्यांका त्रिपाठी दहिया 
मैं मुंबई में खराब सड़कों से आजादी चाहती हूं. हमें शूटिंग के लिए कई बार सेट तक पहुंचने के लिए घंटों यात्रा करनी पड़ती है ऐसे में काफी मुश्किल होती है. कई बार अच्छी गाड़ी के बावजूद ऐसा महसूस होता है कि हम बैलगाड़ी में यात्रा कर रहे हैं.  

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पूजा बेनर्जी 
मैं अतिवाद से आजाजी चाहती हूं. कई बार सोशल मीडिया पर लोग कुछ मुद्दों को ले कर अपनी राय रखते हैं जो की अच्छा है पर कई बार लोग किसी मुद्दे को ले कर बेहद अतिवादी हो जाते हैं. सभी को जियो और जीने दो की नीति पर काम करना चाहिए. 

विवियन डीसेना
मैं मुंबई में खराब सड़कों से आजादी चाहता हूं. अंधेरी से नायगाव तक कुछ घंटों की यात्रा में मेरी हालत खराब हो जाती है. इन मुद्दों का जल्द समाधान होना चाहिए. 

अर्जुन बिजलानी 

मैं अपने शहर को कचरा मुक्त देखना चाहता हूं. सड़कों और समुद्र से कचरे को साफ किया जाना चाहिए. ये पर्यावरण को प्रदूषित करता है. मुंबई में इस मुद्दे पर बेहतर गंभीरता से काम करने की जरूरत है. 

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केथ सेक्विरा
मैं नफरत की राजनीति से आजादी चाहता हूं. किसी की जाति , उसकी सोच या उसके कपड़ों के आधार पर उससे भेदभाव नहीं होना चाहिए. इससे एक बड़े वर्ग में डर पैदा होता है. मुझे लगता है कि किसी दूसरे पर आरोप लगाने के पहले लोगों को खुद को देखना चाहिए. 

सोम्या टंडन
मैं मानसिक दास्ता से आजादी चाहती हूं. यदि आप राजनीति , धर्म, सेक्स, फिल्म , एक्टर आदि मुद्दों पर बात करते हैं या सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट करते हैं तो लोग काफी गुस्से में या नफरत के साथ मैसेज लिखते हैं. आजादी के 71 सालों के बाद भी हम पिछड़ी मानसिक्ता के साथ जी रहे हैं. आज भी हमें खुल कर सोचने या विपरीत सोच वाले व्यक्ति के विचारों को सुनने में भी आपत्ति होती है. 

धीरत धूपड़ 
मैं ट्रैफिक जाम से आजादी चाहता हूं. उन्होंने कहा कि एक ऐक्टर के लिए सही समय पर सेट पर पहुंचपाना भी एक चुनौती की तरह होता है. जाम और घंटों की यात्रा के बाद सेट पर पहुंचने से कोई भी व्यक्ति काम कर पाने की हालत में नहीं रहता है. 

 

 

 

 

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