साकिब के परिवार के मुताबिक वह एक स्टेज कलाकार था और उसने बॉलीवुड फिल्म 'हैदर' में भी एक छोटी सी भूमिका निभाई थी.
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जम्मू कश्मीर: 11 कक्षा का साकिब बिलाल एक पाकिस्तानी लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी के साथ 9 दिसंबर को श्रीनगर के बाहरी इलाके मुजगुंड में 18 घण्टों तक चली मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के हाथ मारा गया. साकिब के परिवार के मुताबिक वह एक स्टेज कलाकार था और उसने बॉलीवुड फिल्म 'हैदर' में भी एक छोटी सी भूमिका निभाई थी. 'हैदर' फिल्म से पहले साकिब स्टेज ड्रमों में कई बार हिस्सा ले चुका था. परिवार के मुताबिक अभिनय में उसे काफी रूचि थी. दरअसल साकिब के मामा फिल्म 'हैदर' के क्रू में एक कोऑर्डिनेटर के तोर पर शामिल थे और फिल्म के लिए एक्स्ट्रा कलाकारों का इंतजाम करते थे.
दिसंबर 2013 में साकिब के मामा असीम एजाज उसे श्रीनगर के सैंतूर होटल में लाए, जहां बाल कलाकारों की जरूरत थी. साकिब ने तब पहला शॉट फिल्म में दिया जो एक चॉकलेट बॉय था और दूसरे शॉट में वह घायल बच्चों में से एक होता है जो विस्फोट में घायल होने के बाद भी बच निकलता है. साकिब ने इस फिल्म में करीब 1 मिनट तक नजर आया था.
साकिब के मामा असीम एजाज ने कहा, 'वह छठी कक्षा में था जब उसने 'हैदर' में काम किया था. साकिब के दिल में एक्टिंग के प्रति रुचि देखते हुए ही उसे इस फिल्म में काम करने का मौका दिया गया था.' उसने श्रीनगर में हुए एक कश्मीरी ड्रामा 'वाथ ची यीही (यही रास्ता है)' में मुख्य भूमिका निभाई थी और उसे इसके लिए पुरस्कार भी मिला था.
एजाज ने बताया, 'गांवों में जब भी कोई कार्यक्रम या शादी समारोह होता था, तो साकिब बढ़चढ़ कर हिस्सा लेता था और खूब नाचता था.
साकिब के मामा का कहना है कि परिवार हैरान है कि आखिर साकिब कैसे आतंक के रास्ते पर बढ़ गया. साकिब इसी गांव के एक 13 साल के युवा मुदासीर के साथ 31 अगस्त 2018 से गायब हुआ था. परिवार के अनुसार जब वह गायब हुआ था, उस दिन जुम्मे का दिन था. साकिब की मां ने उसे बाजार भेजा था, लेकिन उसने अपने चचेरे भाई से संदेश घर भिजवाया कि सामान नहीं मिला है और वह मैदान में फुटबॉल खेलने जा रहा है. जब लंबे समय तक वह नहीं लौटा तो परिवार ने उसे ढूढ़ा. तब साकिब के चचेरे भाई ने बताया कि वह मैदान में ही था लेकिन कुछ काम कहकल एक मोटरसाइकिल सवार के साथ चला गया. तब से साकिब का कुछ पता नहीं चला. 9 दिसंबर को सामने आया कि वो और मुदासीर एक पाकिस्तानी आतंकी अली के साथ श्रीनगर के बाहरी इलाके में हुई मुठभेड़ में मारा गया है.
वहीं पुलिस का कहना है कि गायब होने के तुरंत बाद यह दोनो आतंकवादियों से जुड़ गए थे. परिवार का कहना है कि उन्हें साकिब के आतंकवाद से जुड़ने की कोई ठोस वजह नहीं दिखती. हालांकि गांवों में जो मुठभेड़ हुई थी, उस जगह को देखने के लिए साकिब भी गया था. लेकिन परिवार को कभी नहीं लगा कि वह आतंक का रास्ता चुनेगा.