पहली हिंदी फिल्म में ही Moon Moon Sen ने मचा दिया था बवाल, Bikini पहन सबको किया पीछे
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पहली हिंदी फिल्म में ही Moon Moon Sen ने मचा दिया था बवाल, Bikini पहन सबको किया पीछे

मशहूर अदाकारा और टीएमसी नेता मुन मुन सेन (Moon Moon Sen) आज यानी 28 मार्च को अपना 67वां जन्मदिन मना रही हैं. उनके जन्मदिन पर जानिए कुछ दिलचस्प बातें. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: गुजरे जमाने की मशहूर अदाकारा मुन मुन सेन (Moon Moon Sen) आज बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) पार्टी की नेता हैं. मुन मुन अपने समय में अक्सर सुर्खियों में रहा करती थीं और उसके पीछे कई कारण थे. आज यानी 28 मार्च को मुन मुन सेन अपना 67वां जन्मदिन मना रही हैं. उनके जन्मदिन पर जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें. 

मुन मुन सेन का परिवार

1954 में जन्मीं मुन मुन सेन (Moon Moon Sen) ने हिंदी के अलावा बांग्ला, तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़ और मराठी भाषा की फिल्मों में काम किया है. मुन मुन (Moon Moon Sen) की एजुकेशन शिलॉन्ग और कोलकाता में हुई. उनके पिता का नाम दीबानाथ सेन और मां बंगाल की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री सुचित्रा सेन थीं. मुन मुन के दादा दीनानाथ सेन त्रिपुरा की सरकार में मंत्री हुआ करते थे. 

शादी के बाद शुरू किया करियर

कहते हैं कि भारतीय सिनेमा में अभिनेत्रियों का करियर उनकी शादी के बाद खत्म हो जाता है. लेकिन उन्होंने अपने करियर की शुरुआत शादी के बाद ही की. उन्होंने राजघराने से ताल्लुक रखने वाले भारत देव वर्मा से शादी की. उनसे उन्होंने दो बेटियों राइमा सेन और रिया सेन को जन्म दिया. उनकी दिवंगत सास इला देवी कूचबिहार की राजकुमारी इंदिरा राजे की बेटी थीं, और जयपुर की महारानी गायत्री देवी की बड़ी बहन थीं.

पहली फिल्म में मचाया था धमाल

मुन मुन (Moon Moon Sen) ने वर्ष 1984 में आई फिल्म 'अंदर बाहर' से हिंदी सिनेमा में अपना करियर शुरू किया. इस फिल्म में अनिल कपूर और जैकी श्रॉफ मुख्य भूमिका में थे. मुन मुन की ये पहली फिल्म थी और उन्होंने इस फिल्म में ही बहुत बोल्ड अवतार दिखाया था. इसकी वजह से बात कुछ बिगड़ी भी और खूब हो-हल्ला भी हुआ. इसके बाद भी वे बिकिनी में कई मैगजीन्स के कवर पर नजर आईं.

2014 में शुरू की राजनीति

2014 में मुन मुन सेन (Moon Moon Sen) ने ममता बनर्जी के राजनीतिक दल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का दामन थामा. उन्हें लोकसभा चुनाव में बांकुर सीट से खड़ा किया गया, जहां उन्होंने नौ बार सांसद रह चुके कम्युनिस्ट पार्टी के नेता बासुदेव आचार्या को भारी अंतर से हराया. इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी नेता बाबुल सुप्रियो ने आसनसोल सीट से उन्हें शिकस्त दी थी.

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