ए आर रहमान (AR Rahman) के खिलाफ टैक्स चोरी के मामले में आयकर विभाग ने मद्रास हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
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नई दिल्ली: ऑस्कर अवार्ड विजेता और म्यूजिक कंपोजर ए आर रहमान (AR Rahman) के खिलाफ टैक्स चोरी के मामले में आयकर विभाग ने मद्रास हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. रहमान पर आरोप है कि उन्होंने अपने ही ट्रस्ट ए आर रहमान ट्रस्ट को तीन करोड़ रुपए का अनुदान दिया है, या अनुदान टैक्स से बचने के लिए दिया गया.
ये है पूरा मामला
इस याचिका पर सुनवाई करते न्यायाधीश पीएस शिवज्ञानम और वी भारती की खंडपीठ ने म्यूजिक कंपोजर रहमान को नोटिस जारी किया है.आयकर विभाग के वकील डीआर सेंथिल कुमार के मुताबिक म्यूजिक कंपोजर ए आर रहमान को इंग्लैंड स्थित लिब्रा मोबाइल के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन करने के लिए 3.47 करोड़ रुपए वर्ष 2011-12 में दिए गए. इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत 3 साल के लिए रहमान को कंपनी के लिए विशेष तौर पर कॉलर ट्यून बनाना था.
रहमान ने इस काम के एवज में उनके ट्रस्ट को सीधे तौर पर पैसा देने के लिए कंपनी को कहा था. जबकि नियमों के अनुसार इस राशि को रहमान द्वारा खुद प्राप्त करना था और उस पर टैक्स देने के बाद ही वह उस राशि को अपने ट्रस्ट को दे सकते थे लेकिन ऐसा नहीं किया गया. (Input : Ritesh Ranjan)