Sexual Content On OTT: क्या आने वाले दिनों में ओटीटी प्लेटफॉर्मों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैंॽ जिस तरह का खुलापन बीते कुछ वर्षों में वेब सीरीजों में दिखा है, उससे सरकार नाखुश है. कई लोग नाराज हैं. ऐसे में सरकार ने प्लेटफॉर्मों के सामने एक प्रस्ताव रखा है. जानिए क्या है प्रस्ताव में, जिसने ओटीटी की नींद उड़ा दी है...
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Adult Content On OTT: सेक्रेड गेम्स, मिर्जापुर और गंदी बात से लेकर राणा नायडु जैसी वेब सीरीजों को देखने के बाद बार-बार दर्शकों ने सवाल किया कि क्या ओटीटी प्लेटफॉर्म अश्लीलता की सीमाएं लांघ रहे हैंॽ ऐसी तमाम वेब सीरीज अलग-अलग ओटीटी प्लेटफॉर्मों पर नए-नए सीजन के साथ रिलीज हुई हैं. तब जानकारों ने यही कहा था कि इनसे ओटीटी उद्योग खतरे में पड़ सकता है. ऐसा लगता है कि वह खतरा अब सामने आ गया है. अगर केंद्र सरकार ओटीटी प्लेटफॉर्मोंम के जवाब से संतुष्ट नहीं हुई, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि इन प्लेटफॉर्मों को कोई भी शो बनाने से पहले सरकार की अनुमति लेनी होगी.
भारतीय मूल्य और संस्कृति
नेटफ्लिक्स, डिज्नी हॉटस्टार और अमेजन प्राइम जैसे ओटीटी प्लेटफार्मों द्वारा सूचना और प्रसारण मंत्रालय की तरफ से एक प्रस्ताव पर विचार करने के लिए भेजा गया है. जिसमें उन्हें जवाब देने का लिए 15 दिन का समय दिया गया है. मंत्रालय ने प्रस्ताव रखा है कि क्यों न एक समिति बनाई जाए, जिसके पास ये ओटीटी प्लेटफॉर्म कोई भी शो बनाने से पहले अपनी स्क्रिप्ट समीक्षा के लिए भेजें. यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि सरकार चिंतित है कि इन प्लेटफार्मों पर तमाम कंटेंट भारतीय मूल्यों और संस्कृति के अनुरूप नहीं है. उल्लेखनीय है कि हाल में सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने ओटीटी प्लेटफार्मों को अश्लीलता से बचने का सुझाव दिया था.
सब देखें बने ऐसा कंटेंट
मंत्री ने कहा था कि कंटेंट ऐसा हो, जो देश की सामूहिक चेतना को प्रतिबिंबित करे. इन प्लेटफॉर्मों को अश्लीलता से बचना चाहिए और सभी आयु वर्ग के लोग मिलकर कंटेंट देख सकें, ऐसी चीजें बनानी चाहिए. सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने ओटीटी को अश्लीलता, संस्कृति के पश्चिमीकरण, किसी खास धर्म को लक्ष्य करने और भारतीय संस्कृति को पुरातनपंथी दिखाए जाने पर चिंता व्यक्त की है. इस मुद्दे पर भी मंत्रालय ने ओटीटी प्लेटफॉर्मों से विचार मांगे हैं. उन्हें दो सप्ताह का समय दिया है. हालांकि ओटीटी प्लेटफॉर्मों का मानना है कि इस तरह की रोक के कारण रचनात्मक मुश्किलें आ सकती हैं. धन की भी हानि हो सकती है. उनका मानना है कि ज्यादातर दर्शक युवा हैं और उन्हें ध्यान में रख कर कंटेंट बनाए जाने की जरूरत है.