पढ़िए, बप्पी लाहिड़ी ने ऐसा क्यों कहा- 'आज के गीत एकदिवसीय क्रिकेट मैच की तरह है'
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पढ़िए, बप्पी लाहिड़ी ने ऐसा क्यों कहा- 'आज के गीत एकदिवसीय क्रिकेट मैच की तरह है'

लाहिड़ी ने हॉलीवुड फिल्म 'द किंग्समैन : द गोल्डन सर्कल' के हिंदी संस्करण में एल्टन जॉन के लिए डबिंग की है. 

लाहिड़ी ने कहा- हम आजकल शब्दों पर नहीं जा रहे हैं (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: अनुभवी भारतीय संगीतकार-गायक बप्पी लाहिड़ी ने आजकल के गीतों की तुलना एकदिवसीय क्रिकेट मैच से करते हुए कहा कि इन्हें याद नहीं किया जा सकता. संगीत-उद्योग में पांच दशकों से अधिक समय से मौजूद लाहिड़ी 'याद आ रही है', 'यार बिना चैन कहां रे', 'तम्मा तम्मा लोगे' और 'आई एम ए डिस्को डांसर' जैसे कई लोकप्रिय गीत दिए हैं. यह पूछने पर कि क्या वह आज के गीतों और इसके बोल से खुश हैं? लाहिड़ी ने कहा, "क्या आप किसी गीत के शब्द याद कर सकते हैं? हम आजकल शब्दों पर नहीं जा रहे हैं."

गायक ने 'यार बिना चैन कहां रे', 'सोचना क्या जो भी होगा देखा जाएगा' जैसे गीतों का उदाहरण देते हुए कहा कि इस तरह के गीत अब नहीं लिखे जा रहे हैं. उन्होंने कहा, "फिल्म सुपर हिट हो सकती है, लेकिन गीतों का अस्तित्व मुश्किल है. आज के गीत एकदिवसीय क्रिकेट मैच की तरह हैं. स्वर्णयुग के गीत टेस्ट मैच थे. चाहे बप्पी लाहिड़ी के गीत हों, कल्याणजी-आनंदजी के, आर.डी. बर्मन या लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के गीत.. लोग आज भी उन गीतों को गुनगुनाते हैं."

लाहिड़ी ने हॉलीवुड फिल्म 'द किंग्समैन : द गोल्डन सर्कल' के हिंदी संस्करण में एल्टन जॉन के लिए डबिंग की है. 

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