Saharasri: सहाराश्री बिजनेस की दुनिया से लेकर गांवों-कस्बों में घर-घर तक जाना-पहचाना नाम है. 1978 में बिजनेस टायकून (Business Tycoon) सुब्रत रॉय ने सहारा इंडिया (Sahara India) परिवार की स्थापना की थी. एक दौर में वह देश के दस सबसे शक्तिशाली लोगों में शामिल थे. रेलवे (Railway) के बाद उनका समूह देश में सबसे ज्यादा नौकरियां देने वाला उद्यम था. आज सुब्रत रॉय पर बायोपिक (Biopic) बनाने की घोषणा हुई है.
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Saharasri Release Date: बायोपिक फिल्मों के इस दौर में आज सिने-प्रेमी तब चौंके जब भारतीय इतिहास के सबसे चर्चित बिजनेस टायकूनों में शामिल सुब्रत रॉय की जिंदगी को पर्दे पर उतारे जाने की घोषणा हुई. फिल्म का नाम होगा, सहाराश्री. उल्लेखनीय है कि सुब्रत रॉय को सहारा समूह में सम्मान से सहाराश्री नाम से संबोधित किया जाता है. फिल्म की घोषणा सुब्रत रॉय के 75वें जन्मदिन पर की गई. फिल्म का निर्माण डॉ. जयंतीलाल गडा और संदीप सिंह करेंगे. फिल्म की अनाउंसमेंट के साथ इसके निर्देशक के नाम ने भी फिल्म प्रेमियों को चौंकाया. सहाराश्री का निर्देशन सुदीप्तो सेन करेंगे. जो द केरल स्टोरी का निर्देशन करके मशहूर हुए हैं.
चमकदार नामों का साथ
फिल्म में ए.आर. रहमान का म्यूजिक रहेगा और गीत गुलजार लिखेंगे. निर्माताओं ने कहा कि सहाराश्री का उद्देश्य सुब्रत रॉय के जीवन और उपलब्धियों को सामने लाना है. कैसे उन्होंने प्रतिष्ठित सहारा इंडिया परिवार की स्थापना की और देश की प्रगति में योगदान दिया. फिल्म की पटकथा ऋषि विरमानी, सुदीप्तो सेन और संदीप सिंह ने लिखी है. अब जिस बात का सबको इंतजार है, वह है फिल्म की स्टारकास्ट. अभी यह नहीं बताया गया है कि फिल्म में सुब्रत रॉय की भूमिका कौन निभाएगा. इस बायोपिक की शूटिंग अगले साल की जाएगी. यह शूटिंग महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, कोलकाता और लंदन में होगी. फिल्म बताएगी कि बिहार में अपनी जड़ों से लेकर सुब्रत रॉय ने कैसे अपना कारोबार विभिन्न राज्यों से फैलाते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहारा इंडिया परिवार की झंडा लहराया.
ये है पैन-इंडिया फिल्म
खास बात यह कि सहाराश्री पैन-इंडिया फिल्म (Pan India Film) होगी. इसे हिंदी के साथ-साथ बंगाली, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम में भी रिलीज किया जाएगा. उल्लेखनीय है कि सुब्रत रॉय का जन्म 10 जून 1948 बिहार (Bihar) के अररिया जिले में हुआ था. जिले के लोग गर्व से कहते हैं कि उन्होंने सुब्रत रॉय को अपनी आंखों के सामने बड़े होते देखा है. कई लोग यहां आज भी मिलते हैं, जो उन्हें व्यक्तिगत तौर पर बचपन से जानने का दावा करते हैं. खुद को उनका बचपन का मित्र बताते हैं. अररिया में सुब्रत रॉय के पिता सुधीर चंद्र रॉय सिविल इंजीनियर थे. उनके नाना का घर भी यहीं हैं.