Sanjay Leela Bhansali Birthday: घर चलाने के लिए संजय लीला भंसाली साड़ी में लगाया करते थे फॉल, चॉल में गुजरा बचपन
Advertisement

Sanjay Leela Bhansali Birthday: घर चलाने के लिए संजय लीला भंसाली साड़ी में लगाया करते थे फॉल, चॉल में गुजरा बचपन

Sanjay Leela Bhansali Birthday: संजय लीला भंसाली जैसे डायरेक्टर ने हिंदी सिनेमा को नई दिशा दी है. उनकी फिल्मों का अलग क्रेज होता है. आइए डायरेक्टर के बर्थडे पर उनके स्ट्रगल की कहानी सुनाते हैं. जब खुद उन्होंने बताया था कि कैसे उनका बचपन बीता था.

संजय लीला भंसाली बर्थडे

हिंदी सिनेमा के सबसे मझे हुए फिल्ममेकर की बात हो तो संजय लीला भंसाली का नाम जरूर लिया जाएगा. ऐसे फिल्मममेकर जो इंडस्ट्री को ऊंचाइयों पर लेकर गए. सिर्फ डायरेक्टर ही नहीं, फिल्म प्रोड्यूसर, स्क्रीनराइटर, एडिटर और म्यूजिक कंपोजर के तौर पर भी वह काम करते हैं. जी हां, ये सारे टेंलेट एक ही इंसान में हो सकते हैं और वह हैं संजय लीला भंसाली. जिन्होंने अपने शानदार काम की वजह से 7 नेशनल अवॉर्ड और 12 फिल्मफेयर अवॉर्ड्स जीते. 

इतना ही नहीं, बाफ्टा तक में उन्हें नॉमिनेशन मिला तो भारत सरकार ने भी इस चमकते हुए सितारे को पद्मश्री से सम्मानित किया. तो चलिए संजय लीला भंसाली के बर्थडे पर 'थ्रोबैक इंटरव्यू' की सीरीज में उनके उस दौर के बारे में बताते हैं जिनसे उनके फैंस अंजान हैं. कैसे संजय लीला भंसाली ने मुश्किल वक्त देखा और एक जमाना वो भी था जब वह साड़ी की फॉल लगाकर गुजारा किया करते थे.

संजय लीला भंसाली की बहन
24 फरवरी 1963 को पैदा हुए भंसाली साउथ बॉम्बे से आते हैं. उनका जन्म गुजराती जैन फैमिली में हुआ. उनके पिता का नाम नवीन भंसाली तो मां लीला भंसाली. संजय की एक बहन भी हैं बेला भंसाली सहगल. जिन्होंने 'शीरीन फरहद की तो निकल पड़ी' जैसी फिल्मों का डायरेक्शन किया है.

बचपन में साड़ी में लगाई फॉल
साल 2002 में सिमी ग्रेवाल को दिए इंटरव्यू में संजय भंसाली ने अपने बचपन के बारे में बातचीत की थी. तब डायरेक्टर ने बताया था कि वह घर चलाने के लिए साड़ी में फॉल लगाया करते थे. की उन्हें चार साड़ी तो कभी 12 साड़ी मिल जाते थे. साड़ी के फॉल लगाने के उन्हें कुछ पैसे मिलते थे, जिनसे उनका गुजारा हो जाया करता था.

कॉकरेज रेंगते थे
संजय लीला भंसाली ने अपने बचपन के गुजारे घर के बारे में भी बताया था. कैसे वह एक चॉल में रहा करते थे. पूरा परिवार एक छोटे से कमरे में रहता था. वो कमरा ऐसा कि कभी चूहा तो कभी कॉकरेज उनके ऊपर से गुजर जाता था. हालांकि डायरेक्टर इन हालातों में भी नेगेटिव नहीं हुआ करते थे. वह खुशियों के बारे में बताते हैं, उस घर से भी उनकी ढेरों यादें जुड़ी हैं. मां कभी रेडियो चलाकर डांस करती थीं तो बच्चों को खूब लाड प्यार से रखती थीं.

खुद बदली किस्मत
मगर संजय लीला भंसाली ने अपनी किस्मत खुद बदली. आज के वक्त में वही लड़का बॉलीवुड का सबसे बड़ा डायरेक्टर बना. आज के समय में बड़े से बड़ा सुपरस्टार उनकी फिल्म में काम करना चाहता है. एक एक फिल्म के लिए वह करोड़ों रुपये बहाते हैं.

Trending news