Sara Ali Khan Ae Watan Mere Watan Premiere: विश्व रेडियो दिवस के मौके पर प्राइम वीडियो ने 'ऐ वतन मेरे वतन' के वर्ल्डवाइड प्रीमियर का ऐलान कर दिया है. सारा अली खान स्टारर फिल्म का नया पोस्टर भी देखने को मिला है. आइए फिल्म से जुड़ी जानकारी बताते हैं.
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ओटीटी प्लेटफॉर्म प्राइम वीडियो ने विश्व रेडियो दिवस के मौके पर सारा अली खान की 'ऐ वतन मेरे वतन' के प्रीमियर को लेकर बड़ी घोषणा की है. एक मोशन पिक्चर के साथ रिलीज डेट का ऑफिशियल ऐलान किया है. इस फिल्म में सारा अली खान उषा का किरदार निभा रही हैं. आइए बताते हैं कि दर्शक कब और कैसे 'ऐ वतन मेरे वतन' को देख सकते हैं.
'ऐ वतन मेरे वतन' के मोशन पोस्टर की बात करें तो इसमें सारा अली ख़ान की आवाज सुनाई देती है, जो एक गुप्त रेडियो के माध्यम से पूरे उत्साह के साथ देश को ब्रिटिश राज के खिलाफ एकजुट होने का आग्रह कर रही हैं. धर्माटिक एंटरटेनमेंट प्रोडक्शन के बैनर तले बनी इस फिल्म को करण जौहर, अपूर्व मेहता और सोमेन मिश्रा ने प्रोड्यूस किया है.
'ऐ वतन मेरे वतन' की कास्ट
'ऐ वतन मेरे वतन' का डायरेक्शन कन्नन अय्यर ने किया है.इस फिल्म की कहानी दरब फ़ारूक़ी और अय्यर ने लिखी है, जिसमें सारा अली ख़ान के साथ सचिन खेडेकर, अभय वर्मा, स्पर्श श्रीवास्तव, एलेक्स ओ' नील और आनंद तिवारी मुख्य भूमिकाओं में नजर आने वाले हैं. दिलचस्प बात ये है कि फिल्म में इमरान हाशमी का गेस्ट अपीरियंस भी होगा.
'ऐ वतन मेरे वतन' की कहानी
'ऐ वतन मेरे वतन' फिल्म की कहानी काल्पनिक है. जिसमें मेकर्स ने एक दिलेर लड़की के द्वारा सीक्रेट तरीके से चलाए जा रहे रेडियो स्टेशन की कहानी को दर्शाया गया है. जिसके इस प्रयास ने भारत की आज़ादी की लड़ाई की दिशा बदल दी है. स्वतंत्रता सेनानी उषा मेहता के अद्भुत कारनामों से भरे सफ़र से प्रेरित यह फिल्म आजादी के मशहूर और गुमनाम, दोनों नायकों के सम्मान में बनाई गई है.
'ऐ वतन मेरे वतन' को कब और कैसे देखें
यह ऐतिहासिक थ्रिलर-ड्रामा फिल्म 21 मार्च 2024 को भारत के साथ-साथ दुनिया भर में रिलीज हो रही है. जिसे ओटीटी प्लेटफॉर्म प्राइम वीडियो पर हिंदी और तमिल, तेलुगु, मलयालम और कन्नड़ में देख सकते हैं.
कौन थीं उषा मेहता
उषा मेहता अब इस दुनिया में नहीं हैं. मगर उन्होंने अपनी जिंदगी देश के नाम की. 25 मार्च 1920 को पैदा हुईं उषा ने भारत छोड़ो आंदोलन में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ी. उन्होंने सीक्रेट रेडियो चलाकर लोगों को जागरूक किया. महज 5 साल की उम्र में वह गांधी जी से प्रभावित हुई और अपनी जिंदगी देश के नाम कर दी. आपको हैरानी ये जानकर होगी कि उषा के पिता बेटी के खिलाफ थे. क्योंकि वह ब्रिटिश गवर्मेंट में जज हुआ करते थे.