सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को उस याचिका पर विचार करने से मना कर दिया, जिसमें बॉलीवुड फिल्म 'आर्टिकल 15' को दिए गए सर्टिफिकेट को रद्द करने के लिए कहा गया था.
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नई दिल्ली: रिलीज के बाद से ही एक्टर आयुष्मान खुराना और डायरेक्टर अनुभव सिन्हा की फिल्म 'आर्टिकल 15' बॉक्स ऑफिस पर छाई हुई है, कुछ लोग फिल्म की तारीफ कर रहे हैं तो कुछ इसके खिलाफ प्रदर्शन तक करने से बाज नहीं आए. यहां तक की फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिए कुछ लोगों ने कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया. लेकिन अब कोर्ट ने भी इस फिल्म का साथ देने का फैसला किया है.
सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को उस याचिका पर विचार करने से मना कर दिया, जिसमें बॉलीवुड फिल्म 'आर्टिकल 15' को दिए गए सर्टिफिकेट को रद्द करने के लिए कहा गया था. न्यायमूर्ति एस. ए. बोबडे और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह फिल्म के शीर्षक के नाम में बदलाव और इसकी स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगाने की अपनी मांग को लेकर उपयुक्त प्राधिकरण से संपर्क करे.
न्यायालय अधिवक्ता रंजन द्विवेदी के जरिए ब्राह्मण समाज ऑफ इंडिया द्वारा डाली गई याचिका पर सुनवाई कर रहा था.
याचिकाकर्ता ने कहा कि फिल्म निर्माता व्यावसायिक लाभ के लिए 'आर्टिकल 15' शीर्षक का उपयोग नहीं कर सकते हैं और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने प्रतीक और नाम (अनुचित प्रयोग रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों पर विचार किए बिना फिल्म को सर्टिफिकेट जारी कर दिया.
अधिवक्ता ने कहा कि 'आर्टिकल 15' में 'आपत्तिजनक डायलॉग का प्रयोग किया गया है और उसके जरिए जाति आधारित नफरत फैलाई जा रही है.'
बता दें कि फिल्म में आयुष्मान खुराना लीड किरदार में हैं और उनके अलावा ईशा तलवार, एम नास्सर, मनोज पहवा, सयानी गुप्ता, कुमुद मिश्रा और मुहम्मद जीशान अयूब भी शामिल हैं. आर्टिकल 15 का निर्देशन अनुभव सिन्हा ने किया है. (इनपुट आईएएनएस से भी)