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मुंबई: सुर सम्राज्ञी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का निधन हो गया है. इस बात की पुष्टि उनका इलाज करने वाले डॉक्टर प्रतीक समदानी ने की है. इस दुखद खबर के सामने आने के बाद पूरे देश में शोक की लहर है. बॉलीवुड से लेकर राजनीतिक जगत और उनके फैंस सभी मायूस हैं. सुर कोकिला ने 92 साल की उम्र में ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली. मल्टिपल ऑर्गन फेल्योर के चलते उनका निधन हुआ.
पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर महाराष्ट्र के सभी नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है. लोग उनके जीवन से जुड़े किस्से और यादें बयान कर रहे हैं. ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि उनके नाम से जुड़ा अनसुना किस्सा.
28 सितंबर 1929 को जन्मीं लता मंगेशकर का असली नाम लता नहीं था. जब वो पैदा हुईं तो उनके माता-पिता ने 'हेमा' नाम रखा था. इसके कुछ समय बाद उनके पिता के मशहूर नाटक 'भव बंधन' की मशहूर अदाकारा लतिका को लेकर उनका नाम लता रखा गया. लता मंगेशकर जी अपने माता-पिता की पहली संतान थीं. उनके बाद परिवार में मीना, आशा भोंसले, उषा और एकलौते भाई हृदयनाथ का जन्म हुआ.
सुरों की देवी लता मंगेशकर जाने माने थिएटर अभिनेता पंडित दीनानाथ मंगेशकर और शास्त्रीय गायिका शेवंती (शुदामती) की बेटी थीं. लता की मां शेवंती उनके पिता दीनानाथ मंगेशकर की दूसरी पत्नी थीं. उनकी पहली पत्नी नर्मदा, लता की मामी थीं, जिनका विवाह कम उम्र में ही हो गया था. उनकी मृत्यु के बाद, दीनानाथ ने सन 1927 में शेवंती से शादी की थी.
लता मंगेशकर और उनके परिवार को करीब से जानने वालों का कहना है कि वो पांच साल की उम्र तक अपने पिता के सामने गाना गाने से बचती थीं. एक दिन अचानक उनके पिता ने उन्हें गाते और गुनगुनाते हुए सुना तो वह हैरान रह गए. बच्ची की गायिकी और सुरों से सम्मोहित हुए पिता ने उसी दिन तय कर लिया कि वो लता को गाना सिखाएंगे.'
रोचक बात है कि लता मंगेशकर अपने जीवन में सिर्फ दो दिन ही स्कूल जा सकीं. संगीत की शिक्षा के साथ कई अलग अलग भाषाओं की शिक्षा उनके पिता ने घर पर ही दिलवाई.
बॉलिवुड के जानकारों के मुताबिक 16 दिसंबर, 1941 को लता मंगेशकर पहली बार स्टूडियो में माइक के सामने थीं. एक रेडियो प्रोग्राम के लिए उनका गाना रिकॉर्ड हुआ और इस तरह शुरू हो गया उनका 8 दशक का संगीतमय और सदाबहार सफर जो आज उनकी आखिरी सांस के साथ खत्म हो गया.
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