Sonu Sood Vs BMC: सोनू सूद (Sonu Sood) के केस की आज सुनवाई है. बीएमसी (BMC) ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था. इससे पहले 11 जनवरी को भी सुनवाई हुई थी.
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नई दिल्ली: एक्टर सोनू सूद (Sonu Sood) ने बीएमसी के नोटिस को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है. उन पर 6 मंजिला इमारत को होटल में बदलने का बीएमसी ने आरोप लगाआ है. इस मामले में कोर्ट आज यानी 13 जनवरी को सुनवाई करेगा. इससे पहले कोर्ट ने 11 जनवरी को मामले की सुनावाई की थी. कोर्ट ने 13 जनवरी तक टाल दिया था. साथ ही इस मामले पर किसी भी तरह की कार्रवाई पर रोक लगा दी गई थी.
आज इस मामले पर सुनवाई होगी. ऐसे में ये देखना वाली बात होगी की फैसला किसके हक में जाता है. इससे पहले हुई सुनवाई में सोनू सूद को कोर्ट की ओर से थोड़ी राहत जरूर मिल गई थी.
बीएमसी (BMC) ने अपनी शिकायत में कहा कि सोनू सूद (Sonu Sood) के खिलाफ महाराष्ट्र रीजन ऐंड टाउन प्लानिंग ऐक्ट के तहत ऐक्शन लिया जाना चाहिए. बीएमसी ने सोनू सूद पर इमारत के हिस्से को बढ़ाने, बदलाव करने और इस्तेमाल में बदलाव करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है. इस मामले पर सोनू सूद की भी प्रतिक्रया आ गई है. उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले ही बीएमसी से यूजर चेंज के लिए परमिशन ली थी. वे महाराष्ट्र कोस्टल जोन मैनेजमेंट अथॉरिटी से परमिशन मिलने का इंतजार कर रहे थे.
बीएमसी (BMC) ने 4 जनवरी को उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. इस शिकायत में कहा गया कि सोनू सूद (Sonu Sood) ने एबी नायर रोड पर स्थित शक्ति सागर बिल्डिंग को बिना परमिशन के ही होटल में तब्दील किया है. बीएमसी का कहना है कि शक्ति सागर बिल्डिंग एक रिहायशी बिल्डिंग है. बीएमसी ने उसके कॉमर्शियल उद्देश्य से इस्तेमाल को गलत ठहराया है.
इसके साथ बीएमसी (BMC) ने कहा, 'यह पाया गया है कि सोनू सूद (Sonu Sood) ने जमीन के इस्तेमाल में बदलाव किया है, जिसकी कोई मंजूरी नहीं मिली है. इसके अलावा तय प्लान से अलग हट कर निर्माण कराते हुए रिहायशी इमारत को रेजिडेंशियल होटल बिल्डिंग में बदला गया है. इसके लिए उन्होंने अथॉरिटी से जरूरी मंजूरी भी हासिल नहीं की है.'
इसके साथ ही बीएमसी (BMC) का आरोप है कि सोनू (Sonu Sood) ने नोटिस को नजरअंदाज किया है. सिविक अथॉरिटी ने कहा कि नोटिस मिलने के बाद भी वे अनधिकृत निर्माण कराते रहे. बीएमसी ने कहा कि आरोपी ने महाराष्ट्र रीजन ऐंड टाउन प्लानिंग ऐक्ट के सेक्शन 7 को फॉलो नहीं किया है, ऐसा करना एक दंडनीय अपराध है. बीएमसी ने पुलिस से आग्रह किया है कि इस मामले का संज्ञान लिया जाए और कार्रवाई की जाए.
अधिकारियों का कहना है कि बीएमसी (BMC) की ओर से जारी नोटिस के खिलाफ सोनू सूद (Sonu Sood) ने मुंबई सिविल कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. इस मामले में उन्हें अंतरिम राहत नहीं मिली थी. कोर्ट ने सोनू को हाई कोर्ट में अपील करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया था. बीएमसी का कहना है कि कोर्ट की ओर से दिया गया तीन सप्ताह का वक्त बीत चुका है. इसलिए अब ये शिकायत दर्ज कराई गई है.
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