'ढाई किलो का हाथ' डॉयलाग बोलने से क्यों हिचकिचाते थे Sunny Deol, डायरेक्टर से हो गई थी बहस
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'ढाई किलो का हाथ' डॉयलाग बोलने से क्यों हिचकिचाते थे Sunny Deol, डायरेक्टर से हो गई थी बहस

सनी देओल (Sunny Deol) अस्सी और नब्बे के दशक के टॉप के हीरो थे. सनी का मानना है कि वो आजकल के हीरो की तरह हमेशा अपटुडेट नहीं रह सकते.

फोटो साभार: सनी देओल इंस्टाग्राम

नई दिल्ली: सनी देओल (Sunny Deol) अस्सी और नब्बे के दशक के टॉप के हीरो थे. उनकी एक्शन फिल्में घायल, घातक, दामिनी खूब चर्चित हुई थी. प्रेस से दूर भागने वाले और कैमरे से शर्माने वाले सनी का मानना है कि वो आजकल के हीरो की तरह हमेशा अपटुडेट नहीं रह सकते. दामिनी फिल्म में उनका बोला डॉयलोग 'ढाई किलो का हाथ' बेहद लोकप्रिय रहा था. पर जब फिल्म के निर्देशक राजकुमार संतोषी ने उनके सामने स्क्रिप्ट रखी, तो डॉयलोग देख कर सनी अचकचा गए. 

  1. सनी देओल अस्सी और नब्बे के दशक के टॉप के हीरो थे
  2. डॉयलोग बोलने से कतराते थे सनी
  3. उनका बोला डॉयलोग 'ढाई किलो का हाथ' बेहद लोकप्रिय रहा था
  4.  

डॉयलोग बोलने से कतराते थे सनी

फिल्म पत्रिका फिल्मफेयर को दिए एक इंटरव्यू में सनी (Sunny Deol Dialogue) ने कहा, ‘मुझे ऐसे संवाद बोलने से हिचकिचाहट होती है, जिसे पढ़ने के बाद सब कहने लगते हैं वाह-वाह, यह डॉयलोग तो बहुत हिट होगा. या यह कहे कि पब्लिक को यह डॉयलोग बहुत अच्छा लगेगा या इस डॉयलोग की वजह से फिल्म हिट होगी, मुझे अजीब लगती है. मैं हमेशा ऐसे संवाद बोलना चाहता हूं, जो बातचीत का हिस्सा लगे. मुझे बहुत बनावटी संवाद बोलने में परेशानी होती है.’ ढाई किलो का हाथ ऐसा डॉयलोग था जिसे पढ़ने के बाद सनी असहज हो उठे. संतोषी ने कहा कि वो इसे अपनी तरह से बोलें. ज्यादा ड्रामा करने में दिक्कत है तो ना करें.

घायल के हिट होने की उम्मीद नहीं थी

सनी देओल (Sunny Deol) को नहीं लगा कि उनकी फिल्म 'घायल' (Ghayal) इतनी बड़ी हिट होगी. इस फिल्म के रिलीज होने के बाद उन्हें एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होना था. राजकुमार संतोषी ने कहा कि कॉन्फ्रेंस में वो फिल्म के कुछ डॉयलोग बोल दे. इस बात से सनी बिदक गए. उन दोनों के बीच झड़प भी हो गई. सनी को प्रेस के सामने बात करने में हमेशा दिक्कत होती थी. संतोषी का कहना था तुम फिल्म के हीरो हो तो बात तो तुम्हें ही करनी होगी. सनी ने मना कर दिया. पर जब दोनों कॉन्फ्रेंस के लिए आए तो यह देख कर चौंक गए कि उनको देखते ही सब उठ कर तालियां बजाने लगे. यह फिल्म की सफलता का सुबूत था. सनी को कॉन्फ्रेंस में कुछ बोलना ही नहीं पड़ा. आज भी सनी भारी-भरकम नाटकीयता से भरे डॉयलोग बोलने से घबराते हैं.

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