VIDEO: 'टॉयलेट' पर बने गाने में छलका महिलाओं का दर्द, मांगी 'गंदगी से आजादी'
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VIDEO: 'टॉयलेट' पर बने गाने में छलका महिलाओं का दर्द, मांगी 'गंदगी से आजादी'

देश में आजादी के 70 सालों बाद भी करीब 63 करोड़ लोग खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं. इनमें 30 करोड़ महिलाएं भी शामिल हैं. वहीं Unicef की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और बलात्कार जैसी ज्यादातर घटनाएं तब होती है जब वे शौच के लिए बाहर जाती हैं. 

देश में आजादी के 70 सालों बाद भी करीब 63 करोड़ लोग खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं. (फोटो: पिक ग्रैब)

नई दिल्ली: गांवों में शौचालय को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए एक गाना लॉन्च किया गया है. इस गाने की खास बात यह है कि इसे गांव की ही महिलाओं ने गाया है. भागीरथी फिल्म्स के यूट्यूब चैनल पर 'आज़ादी गंदगी से' शीर्षक के साथ लॉन्च हुए इस गाने में महिलाएं अपने आसपास के पुरुषवादी समाज पर कटाक्ष करते हुए नजर आ रही हैं.

शौचालय को टीवी और मोबाइल से कम प्राथमिकता

गाना गा रही इन महिलाओं का कहना है कि शौचालय को टीवी और मोबाइल से कम प्राथमिकता दी जाती है और बाहर खुले में शौच करने से उनके शरीर पर बीमारियां हावी रहती हैं. यह गाना 2014 में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित डॉयरेक्टर विनोद कापड़ी की डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'कान्ट टेक दिस शिट एनीमोर' का हिस्सा है. अब इसे एक संपूर्ण रूप देकर लॉन्च किया गया है. लगभग साढ़े चार मिनट के इस गाने के लेखक आलोक श्रीवास्तव हैं. सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

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30 करोड़ महिलाएं अब भी जाती है खुले में शौच

आंकड़ो की माने तो देश में आजादी के 70 सालों बाद भी करीब 63 करोड़ लोग खुले में शौच करने के लिए मजबूर हैं. इनमें 30 करोड़ महिलाएं भी शामिल हैं. वहीं Unicef की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और बलात्कार जैसी ज्यादातर घटनाएं तब होती है जब वे शौच के लिए बाहर जाती हैं.  

जब 6 महिलाओं ने छेड़ी शौचालय के लिए जंग

फिल्म 'कान्ट टेक दिस शिट एनीमोर' फिल्म घर में शौचालय ना होने से महिलाओं के जीवन पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव के साथ ही उन 6 महिलाओं की शौचालय के लिए छेड़ी गई जंग, हिम्मत, को दर्शाती है. साल 2013-14 में उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले से 6 महिलाएं ससुराल में शौचालय ना होने की वजह से अपने मायके चली गई थीं, उनकी मांग थी कि घर में ही शौचालय बनवाया जाए जिससे उन्हें शौच के लिए खेत या सड़क पर ना जाना पड़े. आखिर में प्रशासन को उनकी मांग के आगे झुकना पड़ा और शौचालय बनने के बाद ही वे महिलाएं ससुराल वापस लौटीं. इन 6 महिलाओं के साहसिक कदम को दुनिया भर में काफी सराहा गया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया की भी काफी नजर बनी रही. 

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