Netherlands Election: क्यों 180 डिग्री बदल गई लिबरल नीदरलैंड की राजनीति? मदरसा बैन की मांग वाले जीत गए, पढ़िए इनसाइड स्टोरी
Advertisement

Netherlands Election: क्यों 180 डिग्री बदल गई लिबरल नीदरलैंड की राजनीति? मदरसा बैन की मांग वाले जीत गए, पढ़िए इनसाइड स्टोरी

Netherlands Poll Result: नीदरलैंड (Netherlands) में जल्द एक दक्षिणपंथी सरकार बनने जा रही है. लिबरल माने जाने वाले नीदरलैंड में ऐसा कैसे हो गया, आइए ये जानते हैं.

Netherlands Election: क्यों 180 डिग्री बदल गई लिबरल नीदरलैंड की राजनीति? मदरसा बैन की मांग वाले जीत गए, पढ़िए इनसाइड स्टोरी

Geert Wilders News: लिबरल माने जाने वाले नीदरलैंड (Netherlands) की राजनीति में अब 180 डिग्री का बदलाव आने जा रहा है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि चुनाव में दक्षिणपंथियों यानी राइट विंग पार्टी की बड़ी जीत हुई है. गीर्ट विल्डर्स (Geert Wilders) की पार्टी ने 150 मेंबर्स वाले हाउस में 37 सीटें जीत ली हैं. खास बात ये है कि चुनाव में विल्डर्स की पार्टी सबसे बड़ी बनकर उभरी है. जान लीजिए कि विल्डर्स की पार्टी कुरान बैन करने, मदरसे बंद करने और शरणार्थियों को देश में शरण नहीं देने की वकालत करती रही है. चुनाव में अब विल्डर्स की जीत ने सभी को चौंका दिया है. लिबरल नीदरलैंड में ये कैसे हो गया, इसको लेकर हर कोई हैरान है.

गीर्ट विल्टर्स बनेंगे नीदरलैंड के पीएम?

बता दें कि बुधवार को नीदरलैंड में वोटिंग हुई थी और गिनती गुरुवार को पूरी हुई. लेकिन जो रिजल्ट आया उसने गीर्ट विल्टर्स के प्रधानमंत्री बनने का रास्ता आसान कर दिया है. गीर्ट विल्टर्स की पार्टी ने खुद सीटें जीती हैं. बताया जा रहा है कि उन्हें सेंटरिस्ट और सेंटर-राइट पार्टियों का समर्थन मिल सकता है. और तब ये मुमकिन हो सकता है कि दक्षिणपंथी नेता गीर्ट विल्टर्स नीदरलैंड बन जाएं.

जीत के बाद क्या बोले गीर्ट विल्टर्स?

चुनाव जीतने के बाद गीर्ट विल्टर्स ने कहा कि वह शरणार्थियों की सुनामी को खत्म करेंगे. गीर्ट विल्टर्स नीदरलैंड में शरणार्थियों के आने के हमेशा से विरोधी रहे हैं. अपने चुनावी अभियान में भी गीर्ट विल्टर्स ने ये मुद्दा जोर-शोर से उठाया थ. गीर्ट विल्टर्स ने कहा कि डच फिर से नंबर 1 बनेंगे. लोगों को अपना देश वापस मिलेगा.

विल्टर्स ने जीतीं दोगुना से ज्यादा सीटें

जान लें कि गीर्ट विल्टर्स ने इस बार पिछले चुनाव के मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा सीट जीती हैं. जहां पिछले चुनाव में गीर्ट विल्टर्स की पार्टी ने 17 सीटों पर जीत मिली थी तो इस बार उन्होंने 37 सीटों पर जीत हासिल की है. चुनाव में बड़ी जीत के बाद गीर्ट विल्टर्स अपने सांसदों से मिले और उनसे कहते हुए नजर आए, 'क्या आपको भरोसा हो रहा है? 37 सीट!'

गीर्ट विल्टर्स कैसे मिली इतनी बड़ी जीत?

तमाम राजनीतिक पंडितों को भी नीदरलैंड में विल्डर्स की जीत ने सरप्राइज कर दिया है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि पिछले दो दशकों ने सरकार के खिलाफ जो एंटी-इनकंबेंसी थी उसे भुनाने में विल्डर्स की पार्टी कामयाब रही है. बीतों सालों में विल्डर्स के डटे रहने के बाद जनता ने उन्हें मौका दिया है. अब ऐसा लगता है कि विल्डर्स का टाइम आ गया है.

बता दें कि गीर्ट विल्डर्स पहली बार 1998 में सांसद बने थे. हालांकि, 2004 में वो पार्टी से अलग हो गए थे और फिर 2 साल बाद अपनी खुद की पार्टी बना ली थी. लोग गीर्ट विल्डर्स को फ्रांस के राइट विंग के नेता मरीन ले पेन का करीबी बताते हैं. इसके अलावा, दक्षिणपंथी नेता माने जाने वाले हंगरी के पीएम विक्टर ओरबन ने भी विल्डर्स को बधाई दी है.

हालांकि, गीर्ट विल्डर्स की तुलना कई लोग डोनाल्ड ट्रंप से भी करते हैं. क्योंकि विल्डर्स का नारा- डच फिर से नंबर 1 बनेंगे, ट्रंप के मेक अमेरिका ग्रेट अगेन से मैच भी खाता है. हालांकि, विल्डर्स की जीत नीदरलैंड और यूरोप में क्या बदलाव लाएगी, ये देखना दिलचस्प होगा.

Trending news