Sambhal News: हिंदू पक्षकारों के मुताबिक संभल की जामा मस्जिद हरिहर मंदिर को तोड़कर बनाई गई. इसी विवादित भूमि के नजदीक शनिवार को 800 साल पुराना मंदिर मिला. इस बीच संभल की डेमोग्राफी की बात करें तो संभल में बीते 40 सालों में मुसलमानों की आबादी 30 से 35 फीसदी बढ़ी और हिंदुओं की आबादी 30 से 35 फीसदी घटी है.
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Sambhal power theft : संभल में 24 नवंबर 2024 को जबरदस्त हिंसा (Sambhal Violence) भड़की. ये हिंसा उस दौरान हुई. जब एक सर्वे टीम जामा मस्जिद पहुंची. तभी से संभल में प्रशासन की कार्रवाई जारी है. शनिवार सुबह बिजली चोरी (Sambhal Electricity theft) के खिलाफ हुई कार्रवाई के दौरान जिला प्रशासन को एक मंदिर मिला. इस मंदिर में बीते करीब 50 साल से ताला लगा था. तकरीबन 5 दशक के बाद मंदिर का ताला तोड़ा गया तो मंदिर के अंदर शिवलिंग, बजरंगबली की प्रतिमा भी मिली. सफाई के बाद संभल के स्थानीय लोगों ने हनुमानजी की पूजा की. विवादित क्षेत्र से 800 साल पुराना एक कुआं भी मिला है.
भारी सुरक्षा के बीच पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी वहां कैंप कर रहे हैं. प्रशासन का कहना है कि लंबे समय से इस मंदिर पर कब्जा था. स्थानीय लोगों ने यहां सुबह शाम पूजा पाठ के लिए एक पुरोहित भी रख लिया है. ये अलग बात है कि यह प्राचीन मंदिर जहां मिला वो विवाद वाली जगह से थोड़ी दूरी पर है. संभल की इसी एक मस्जिद को लेकर विवाद इतना बढ़ गया कि इसकी गूंज देश की सबसे बड़ी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट तक में सुनाई दी.
डीएम का ऐलान
#WATCH | Sambhal, UP: The Wall that was built in front of the temple discovered during the anti-encroachment drive today, being removed. pic.twitter.com/AqBXVTMawm
— ANI (@ANI) December 14, 2024
प्रशासन ने न सिर्फ अतिक्रमण ध्वस्त किया बल्कि मंदिर के आस-पास कैमरे लगवा दिए
#WATCH संभल, उत्तर प्रदेश: जिला पुलिस और प्रशासन द्वारा आज चलाए गए अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान संभल में हनुमान मंदिर में CCTV कैमरे लगाए गए। pic.twitter.com/iWjN16Dskh
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 14, 2024
बिजली चोरी की जांच के दौरान खुलासा
संभल मस्जिद के पास सनातन के साक्ष्य मिले हैं. हिंदू पक्ष ने संभल की मस्जिद पर दावा किया है. संभल में सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी. संभल मुद्दे पर जमकर सियासत भी हुई. संभल में सनातन के सबूत मिले हैं. मस्जिद के पास यानी दंगे वाले इलाके में आज एक मंदिर खुलवाया गया. दीपा सराय इलाके का मंदिर करीब आधी शताब्दी से बंद पड़ा था. मंदिर से हनुमान की प्रतिमा और शिवलिंग मिला. मंदिर के बाहर खुदाई में कुआं मिला
इस इलाके में अब तक 3 कुएं मिल चुके हैं.
क्या है संभल मस्जिद विवाद?
मुगल शासक बाबर के समय बनी जामा मस्जिद.
दावा है कि पहले यहां पहले 'हरि हर मंदिर' था.
हिंदू पक्ष की तरफ से स्थानीय कोर्ट में याचिका दायर.
कोर्ट ने दिया था मस्जिद के सर्वे का आदेश.
सर्वे के दौरान संभल में भड़की थी हिंसा.
1920 में संरक्षित स्मारक घोषित किया गया.
1920 के बाद से स्मारक में कई बदलाव किए गए.
साल 1998 में पहली बार इस जगह का निरीक्षण.
25 जून 2024 को किया गया सबसे हालिया निरीक्षण.
संभल की डेमोग्राफी...किसने बदली?
कहा जा रहा है कि बीती आधी सदी में संभल में हिंदुओं के साथ बहुत अत्याचार हुआ. संभल में मंदिर की जगह पर मंदिर तोड़कर मस्जिद का निर्माण हुआ. संभल में मुसलमानों की आबादी 30 से 35 फीसदी बढ़ी और हिंदुओं की आबादी 30 से 35 फीसदी घटी है. संभल हिंसा को राजनीतिक मुद्दा क्यों बनाया. आखिर 46 साल से मंदिर में ताला क्यों लगा था. सवाल ये भी है कि हिंदुओं को आस्था की जगह से दूर किसने रखा?
संभल जिला प्रशासन ने अतिक्रमण रोधी अभियान के दौरान पुराने मंदिर को खोला
संभल जिला प्रशासन ने शनिवार को नखासा पुलिस थाने के अंतर्गत खग्गू सराय इलाके में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान के तहत 46 साल से बंद बताये जा रहे भस्म शंकर मंदिर को खोला, जिसमें हनुमान की एक मूर्ति और एक शिवलिंग था. क्षेत्र में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान का नेतृत्व कर रहीं उप जिलाधिकारी वंदना मिश्रा ने कहा, 'क्षेत्र का निरीक्षण करते समय, हम अचानक इस मंदिर में पहुंचे. इसके बाद मैंने तुरंत जिले के अधिकारियों को सूचित किया. फिर हमने मंदिर को फिर से खोलने का फैसला किया.’’
स्थानीय लोगों का दावा है कि 1978 में सांप्रदायिक दंगों के बाद हिंदू समुदाय के सदस्यों के यहां से पलायन करने के बाद से ही यह मंदिर बंद था.
मिश्रा ने बताया कि स्थानीय निवासियों ने पुष्टि की है कि यह मंदिर 1978 से बंद था. उन्होंने बताया कि मंदिर के पास एक कुआं भी है और अधिकारी उसके जीर्णोद्धार की योजना बना रहे हैं.
लोगों ने बांटा दर्द
इस खुलासे के बाद स्थानीय निवासियों ने मंदिर से जुड़ी अपनी यादें साझा कीं. संभल जिले के कोट गर्वी के निवासी मुकेश रस्तोगी ने कहा, 'हमने हमारे पुरखों से इस मंदिर के बारे में काफी कुछ सुना था. यह एक प्राचीन मंदिर है, लेकिन यह लंबे समय से बंद था. चूंकि एक वर्ग विशेष समुदाय के लोग वहां रहते हैं, इस वजह से वह मंदिर बंद पड़ा था.
उन्होंने कहा कि 1978 में संभल में हुए दंगों के बाद से यह मंदिर बंद रहा है, हमने सुना है कि यह कम से कम 500 साल पुराना होगा.
नगर हिंदू महासभा के 82 वर्षीय संरक्षक विष्णु शंकर रस्तोगी ने कहा, 'मैं अपने जन्म से ही खग्गू सराय में रहता हूं. वर्ष 1978 के दंगों के बाद, हमारे समुदाय के लोगों को इस क्षेत्र से पलायन करने के लिए मजबूर होना पड़ा. हमारे कुलगुरु को समर्पित यह मंदिर तब से बंद है.'
संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा में चार लोगों की मौत की घटना के कुछ सप्ताह बाद, प्रशासन ने मुगलकालीन मस्जिद के आसपास के क्षेत्रों में अतिक्रमण और बिजली चोरी से निपटने के लिए अभियान शुरू किया है. खग्गू सराय जामा मस्जिद से सिर्फ एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
विष्णु शंकर रस्तोगी ने यह भी कहा, 'खग्गू सराय में भी हमारा घर हुआ करता था. करीब 25-30 हिंदू परिवार वहां रहते थे. 1978 के दंगों के बाद हमने मकान बेच दिए और वह जगह छोड़ दी. यह बहुत प्राचीन मंदिर है और इसे रस्तोगी समुदाय का मंदिर कहा जाता था. पहले हमारे समुदाय के लोग यहां पूजा करने आते थे.'
अधिकारियों ने कहा कि संभल में एक दूसरी मस्जिद में कथित तौर पर ऊंची आवाज में लाउडस्पीकर बजाने के लिए उस मस्जिद के एक इमाम पर शुक्रवार को दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया. यह घटना कोट गर्वी इलाके की अनार वाली मस्जिद की है.