लोकसभा चुनाव : क्या अहमद पटेल को देखना भी नहीं चाहते थे राहुल गांधी? भरूच सीट अरविंद केजरीवाल की पार्टी को देने पर उठ रहे सवाल
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लोकसभा चुनाव : क्या अहमद पटेल को देखना भी नहीं चाहते थे राहुल गांधी? भरूच सीट अरविंद केजरीवाल की पार्टी को देने पर उठ रहे सवाल

लोकसभा चुनाव 2024: गुजरात की भरूच सीट को इंडिया गठबंधन में आम आदमी पार्टी को दिए जाने के बाद कांग्रेस के अंदरखाने बड़ा बवाल मचा है. दिवंगत अहमद पटेल के बेटे फैजल पटेल और बेटी मुमताज पटेल ने कांग्रेस आलाकमान से उनकी विरासत बचाने की गुहार लगाई. वहीं, भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी पर अहमद पटेल से बदला लेने का आरोप लगाया है.

 लोकसभा चुनाव : क्या अहमद पटेल को देखना भी नहीं चाहते थे राहुल गांधी? भरूच सीट अरविंद केजरीवाल की पार्टी को देने पर उठ रहे सवाल

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच शनिवार को सीट बंटवारे की घोषणा के कुछ घंटों बाद ही गुजरात की भरूच सीट को लेकर विवाद शुरू हो गया. कांग्रेस के दिग्गज नेता दिवंगत अहमद पटेल के परिवार और समर्थकों ने आलाकमान के फैसले पर एतराज जताया. अहमद पटेल के बेटे फैजल अहमद पटेल ने सबसे पहले नाराजगी दिखाई. हालांकि, राहुल गांधी से कथित बातचीत के बाद वह नरम पड़ गए.  

कांग्रेस के फैसले से दुखी और निराश मुमताज पटेल को पिता की विरासत की फिक्र

इसके बाद अहमद पटेल की बेटी मुमताज पटेल ने अपने पिता की विरासत का जिक्र करते हुए कांग्रेस के टॉप लीडरशिप के फैसले से दुख और निराश होने की बात कही. खुद को भरूच की बेटी बता रही मुमताज पटेल ने असंतोष व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर पोस्ट में लिखा, "मैं आपकी निराशा साझा करती हूं. हम सब मिलकर फिर से कांग्रेस बनाएंगे. हम अहमद पटेल की 45 साल की विरासत को व्यर्थ नहीं जाने देंगे." 

बाद में मुमताज पटेल ने कहा, 'बातचीत अभी भी जारी है और अंतिम फैसला होना बाकी है. हमें उम्मीद थी कि यह सीट कांग्रेस के पास रहेगी, लेकिन जब यह जानकारी मिली तो लोगों को निराशा और दुख हुआ. सुनने में आया है कि भरूच सीट आप को दिए जाने पर राहुल गांधी ने भी आपत्ति जताई है. हमें उम्मीद है कि यह सीट कांग्रेस के पास ही रहेगी. परंपरागत रूप से यह कांग्रेस की सीट है. वे गठबंधन चाहते हैं क्योंकि वे कांग्रेस का समर्थन चाहते हैं.

राहुल गांधी ने मुमताज पटेल के भाई फैजल पटेल से की बात, भरूच पर दिलाया ये भरोसा

इससे पहले अहमद पटेल के बेटे फैजल अहमद पटेल ने पहले तो अपने और कांग्रेस के अपने समर्थकों के साथ भरूच में आम आदमी पार्टी के लिए प्रचार नहीं करने का एलान कर अपनी नाराजगी जाहिर की थी. हालांकि, राहुल गांधी से बातचीत के बाद फैजल नरम पड़े और उनके सुर बदल गए. सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी ने जाहिर तौर पर मुमताज पटेल के भाई फैजल पटेल से बात की थी और उन्हें भरोसा दिलाया था कि भरूच उनका होगा.

सीट बंटवारे के फॉर्मूले पर प्रतिक्रिया देते हुए फैजल पटेल ने कहा, ''उम्मीद है कि राहुल गांधी अपने फैसले पर दोबारा विचार करेंगे.'' बाद में फैजल पटेल ने एक्स पर गुजराती और अंग्रेजी में फिर से पोस्ट कर लिखा कि राहुल गांधी ने मेरी और भरूच कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बात सुनी. हमारा समर्थन करके, मुझे और मेरे साथी भरूच कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया है. मैं वादा करता हूं कि भरूच लोकसभा जीताकर आपके विश्वास पर खरा उतरूंगा. 

पूर्व कांग्रेस नेता और अब भाजपा प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा- यह "शहजादे का बदला"

दूसरी ओर, भाजपा नेताओं ने कांग्रेस की इस अंदरूनी राजनीति पर जमकर निशाने साधे. पूर्व कांग्रेस नेता और अब भाजपा प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने तंज किया कि आगामी लोकसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे के समझौते में दिवंगत कांग्रेस नेता अहमद पटेल की विरासत और उनका गढ़ गुजरात के भरूच निर्वाचन क्षेत्र को आम आदमी पार्टी (आप) को सौंपना "शहजादे का बदला" है. उनका इशारा अहमद पटेल और राहुल गांधी के बीच पुराने मतभेद की ओर था. शेरगिल ने एक्स पर लिखा, "कांग्रेस पार्टी के लिए अपनी जान देने वाले अहमद पटेल के लंबे समय से चले आ रहे गढ़ को आप को सौंपना "शहजादे" का बदला है!"

इस्तेमाल करो और फेंक दो में यकीन करता है गांधी परिवार- भाजपा नेता अमित मालवीय का आरोप

भाजपा के राष्ट्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग (आईटी सेल) के प्रभारी अमित मालवीय ने भी एक्स पर ऐसा ही पोस्ट किया. उन्होंने मुमताज पटेल को जबाव देते हुए लिखा कि कांग्रेस का कदम अहमद पटेल की विरासत को मिटाने और उनके परिवार को अपमानित करने के लिए है. उन्होंने तंज करते हुए लिखा, “कांग्रेस में, एक राजवंश दूसरों की तुलना में अधिक बड़ा है. दिवंगत अहमद पटेल और राहुल गांधी के बीच मतभेदों के बारे में हर कोई जानता है. भरूच को आप को देना राहुल गांधी की उनकी विरासत को मिटाने और परिवार को अपमानित करने का प्रयास है. गांधी परिवार इस्तेमाल करो और फेंक दो में यकीन करता है.''

इंदिरा, राजीव और सोनिया के करीबी, कांग्रेस के 'ट्रबलशूटर' अहमद पटेल से राहुल गांधी के मतभेद?

कांग्रेस की सर्वेसर्वा सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार, गुजरात कांग्रेस और यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष, कांग्रेस के संयुक्त, महासचिव और कोषाध्यक्ष, भरूच से तीन बार लोकसभा सांसद और पांच बार राज्यसभा सदस्य रहे अहमद पटेल के इंतकाल पर जनाजे को कंधा देने के लिए राहुल गांधी उनके पीरामण गांव पहुंचे थे. कांग्रेस के ट्रबलशूटर कहे जाने वाले अहमद पटेल इंदिरा गांधी के भी करीबी नेता माने जाते थे. तो फिर राहुल गांधी के अहमद पटेल से मतभेद की सच्चाई क्या है? क्या राहुल गांधी सचमुच अहमद पटेल को देखना भी नहीं चाहते थे? आखिर ये बात क्यों कही जा रही है आइए, जानते हैं. 

राहुल गांधी ने अहमद पटेल को काफी दिनों तक रखा था साइड लाइन, क्या थी वजह

दरअसल, सोनिया गांधी के बाद कांग्रेस की कमान संभालने वाले राहुल गांधी ने युवाओं को तरजीह देने की रणनीति आजमाई थी. इसलिए उन्होंने अहमद पटेल को काफी दिनों तक साइड लाइन रखा था. राहुल ने कांग्रेस की नई कार्यसमिति में उन्हें महज सदस्य बनाया हुआ था. हालांकि, सोनिया गांधी से नजदीकी और पार्टी कार्यकर्ताओं पर अपनी पकड़ के चलते उन्होंने दबाव बनाया तो राहुल गांधी ने उन्हें कांग्रेस के कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी. इसे भी सक्रिय चुनावी राजनीति से दूर रहने वाला पद बताया जाता है. 

दूसरी ओर, गुजरात के इकलौते मुस्लिम सांसद अहमद पटेल कांग्रेस में एकमात्र नेता थे जिन्हें पांच बार राज्यसभा भेजा गया था. अहमद पटेल के बारे में कहा जाता था कि वह गुजरात से ही आने वाले भाजपा नेता नरेंद्र मोदी को लेकर कांग्रेस की पार्टी लाइन से अलग नरम रुख रखते थे. इसके अलावा राहुल गांधी के अध्यक्ष रहने के दौरान संगठन में कम महत्व के बाद भी मनमोहन सिंह सरकार में उनकी काफी अहमितय थी. विरोधी दलों के नेताओं का कहना था कि इन वजहों से भी राहुल गांधी उनसे खींचे-खींचे रहते थे. 

गुजरात की भरूच और भावनगर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ेगी आम आदमी पार्टी, बाकी पर कांग्रेस

गुजरात की कुल 26 लोकसभा सीटों में कांग्रेस 24 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. वहीं, समझौते के तहत आम आदमी पार्टी भरूच और भावनगर से चुनाव लड़ेगी.  राहुल गांधी के दादा फिरोज गांधी की जन्मभूमि रही भरूच लोकसभा सीट पर लगातार सात बार से भाजपा का कब्जा रहा है. इसलिए विपक्षी दलों के सामने भरूच भाजपा के एक महत्वपूर्ण रणक्षेत्र या गढ़ के रूप में स्थापित हो गया है. आप ने कांग्रेस के समर्थन से भरूच सीट को जीतने के लिए चैतर वसावा को उम्मीदवार बनाया है.

फैजल पटेल या मुमताज पटेल में किसी को भरूच सीट से कांग्रेस उम्मीदवार बनाने की थी चर्चा

गुजरात में कई महीनों से ऐसी अटकलें चल रही थीं कि कांग्रेस अहमद पटेल के दोनों बच्चों फैजल पटेल या मुमताज पटेल में किसी को भाजपा के लंबे समय से चले आ रहे वर्चस्व के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए उतार सकती है. हालांकि, बीच-बीच में फैजल पटेल की भाजपा नेताओं से नजदीकी की चर्चा भी होती रहती थी. वहीं, कांग्रेस नेता मुमताज पटेल यहां लंबे समय से चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर रही थी. वह भरूच में लगातार सक्रिय होने के अलावा कांग्रेस आलाकमान के साथ भारत जोड़ो न्याय यात्रा में भी जुड़ी हैं.

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