कल्कि धाम से 2024 में 6 सीटों का इंतजाम? संभल का समीकरण भी समझ लीजिए
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कल्कि धाम से 2024 में 6 सीटों का इंतजाम? संभल का समीकरण भी समझ लीजिए

Lok Sabha Chunav 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज संभल दौरे पर जाएंगे और कल्कि धाम का शिलान्यास करेंगे. पीएम मोदी का संभल कार्यक्रम उस किले को भेदने की तैयारी के तौर पर भी देखा जा रहा है, जहां समाजवादी पार्टी का वर्चस्व रहा है.

कल्कि धाम से 2024 में 6 सीटों का इंतजाम? संभल का समीकरण भी समझ लीजिए

PM Modi Kalki Dham: पीएम मोदी आज (19 फरवरी) यूपी के संभल जाएंगे, जहां वो कल्कि धाम का शिलान्यास करेंगे. पीएम मोदी गर्भगृह में शिलापूजन करेंगे. इस दौरान यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी पीएम मोदी के साथ मौजूद रहेंगे. पीएम मोदी का संभल का दौरा वैसे तो धार्मिक तस्वीर दिखा रहा है. लेकिन, इस संभल दौरे के साथ ही बीजेपी, समाजवादी पार्टी के उस किले को भेदने की तैयारी में है, जिस पर सपा की पकड़ मजबूत है. बीजेपी, कल्कि धाम के जरिए 2024 में उन 6 सीटों पर कब्जा करना चाहती है, जिन सीटों पर 2014 में तो जीत हासिल की थी, लेकिन वो साल 2019 में उसके हाथ से फिसल गई थीं.

तो क्या संभल से पूरा होगा 80 में 80 का नारा?

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 2024 के चुनाव में 'एनडीए 400 के पार' का टारगेट सेट किया है. इसके लिए बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में 80 में 80 का नारा दिया है, लेकिन ये टारगेट मुमकिन कैसे होगा. क्योंकि, संभल और उसके आसपास की 6 सीटों सपा की पकड़ रही है. ये सीटें- मुरादाबाद, रामपुर, अमरोहा, संभल, बिजनौर और नगीना हैं. इन सीटों पर सिर्फ एक बार कमल खिल पाया है. हालांकि, बीजेपी ने रामपुर सीट पर उपचुनाव में वापसी की है. ऐसे में संभल इलाके में बीजेपी एक बार फिर अपनी धाक जमाने के लिए तैयारी तेज कर दी है.

इन 6 सीटों पर अभी किसका कब्जा?

बीजेपी यूपी के 80 मिशन को पूरा करने के लिए जुटी हुई है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि संभल इलाके की 6 सीटों पर वर्तमान में किसका कब्जा है. संभल सीट पर बीजेपी ने 2014 में जीत दर्ज की थी, लेकिन 2019 में समाजवादी पार्टी के शफीकुर रहमान बर्क ने यह सीट अपने नाम कर लिया था. सपा ने एक बार फिर बर्क को चुनावी मैदान में उतारा है. मुरादाबाद सीट पर 2014 में बीजेपी के कुंवर सर्वेश सिंह ने जीत दर्ज की थी, लेकिन 2019 में सपा के एसटी हसन ने बाजी मार ली. रामपुर लोकसभा सीट से 2014 में बीजेपी ने जीत दर्ज की, लेकिन 2019 में हार मिली और आजम खान ने जीत दर्ज की. हालांकि, आजम खान की सांसदी जाने के बाद 2022 में हुए उपचुनाव में बीजेपी ने वापसी की और घनश्याम लोधी ने जीत दर्ज की.

इसी तरह अमरोहा लोकसभा सीट पर 2014 में बीजेपी के कंवर सिंह तंवर ने जीत दर्ज की थी, लेकिन 2019 में बसपा के कुंवर दानिश अली ने इस सीट पर कब्जा कर लिया. बिजनौर सीट पर 2014 में बीजेपी के भारतेंद्र सिंह ने कब्जा किया था, लेकिन 2019 में बसपा के मलूक नागर ने हरा दिया. नगीना लोकसभा सीट पर भी कुछ ऐसा ही हाल रहा और 2014 में बीजेपी ने यशवंत सिंह ने जीत तो दर्ज की, लेकिन 2019 में इसे नहीं दोहरा पाए और बसपा के गिरीश चंद्र ने इस सीट पर कब्जा कर लिया. बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा के बीच गठबंधन हुआ था, जिसके बाद बसपा ने संभल इलाके में 3 सीटों पर जीत हासिल की थी.

इस बार प्रमोद कृष्णम पर दांव लगाएगी बीजेपी?

कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम पहले कांग्रेस में थे. पार्टी विरोधी बयान देने का आरोप लगाकार उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है. तो अब सवाल है कि क्या बीजेपी इस बार आचार्य प्रमोद कृष्णम पर दांव लगाएगी. हालांकि, 2014 के चुनाव में कांग्रेस ने प्रमोद कृष्णम को ही संभल से उतारा था, लेकिन मोदी लहर में उनकी जमानत जब्त हो गई थी और बीजेपी ने इस सीट पर कब्जा किया था. 2019 में कांग्रेस ने प्रमोद कृष्णम को लखनऊ से उतारा था, लेकिन उन्हें वहां भी हार मिली थी.

संभल लोकसभा सीट का इतिहास?

संभल लोकसभा सीट साल 1977 के चुनाव से पहले अस्तित्व में आई थी और अब तक इस सीट पर 12 बार चुनाव हो चुके हैं, जिसमें समाजवादी पार्टी का वर्चस्व रहा है. संभल को सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की कर्मभूमि माना जाता है और सबसे ज्यादा 4 बार सपा ने ही इस सीट पर कब्जा किया है. इस सीट पर दो बार मुलायम सिंह यादव, दो बार शफीकुर रहमान बर्क, दो बार श्रीपाल सिंह यादव, एक बार राम गोपाल यादव और एक बार धर्मपाल यादव सांसद बने है. शफीकुर रहमान बर्क मौजूदा सांसद हैं, जिन्होंने 2019 के चुनाव में सपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी. इससे पहले 2009 में बर्क ने बसपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी.

कल्किधाम के जरिए बीजेपी की संभल किला भेदने की तैयारी

तो क्या कल्किधाम के जरिए भारतीय जनता पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में संभल का किला भेदने की तैयारी में है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संभल के कार्यक्रम में पहुंचने के मायने क्या हैं? कार्यक्रम स्थल का परिसर डबल इंजन की सरकार और मोदी की गारंटी वाले होर्डिंग्स से पटा पड़ा है. पूरे परिसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कटआउट लगे हैं. भले ही मुस्लिम और यादव बहुल्य संभल लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का वर्चस्व रहा है, लेकिन इस बार बीजेपी मंदिर की स्थापना के जरिए संभल की सीट पर जीत की राह तलाश रही है. आचार्य प्रमोद कृष्णम के कांग्रेस से अलग होने के बाद और कल्कि धाम के पीठाधीश्वर के रूप में बीजेपी से रिश्ते प्रगाढ़ हो रहे हैं.

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