Modi Russia Tour: रूस की राजधानी मॉस्को पहुंचने पर वनुकोवो अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर मोदी का भव्य स्वागत हुआ. उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इस दौरान रूस के पहले उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव पीएम मोदी के साथ हवाई अड्डे से होटल तक एक ही कार में गए.
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Modi meet Putin: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस दौरे पर पूरी दुनिया की नजर है. इस दौरे से दुनिया की दो बड़ी आर्थिक शक्तियों वाले देश पश्चिम में अमेरिका तो पूरब में चीन को 'लाउड एंड क्लियर' मैसेज है. मॉस्को के एयरपोर्ट पर जैसे ही पीएम मोदी अपने विमान से उतरे तो उनकी अगवानी वहां एक ऐसे शख्स ने की, जिसे पुतिन ने अब तक किसी का स्वागत करने के लिए नहीं भेजा. यहां तक कि हाल ही रूस पहुंचे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए भी नहीं. पुतिन ने अपने बाद यानी रूस के नंबर दो के नेता पहले उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव को मोदी का इस्तकबाल करने लिए भेजा. इस नजारे को देखकर वॉशिंगटन डीसी से लेकर बीजिंग तक को रश्क जरूर होगा.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की हाल की रूस यात्रा पर उनका स्वागत रूस के दूसरे नंबर के उप प्रधानमंत्री ने किया था, जो पहले उप प्रधानमंत्री के साथ वरिष्ठता के क्रम में दूसरे स्थान पर हैं. यानी ये पहला मौका था जब रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने किसी विदेशी शासनाध्यक्ष के लिए देश के हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी के लिए देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री को भेजा हो. राष्ट्रपति पुतिन के ठीक नीचे रूस के सर्वोच्च पदस्थ लीडर द्वारा भारतीय प्रधानमंत्री का रेड-कार्पेट वेलकम का यह भाव, इस बात का स्पष्ट संदेश देता है कि रूस भारत के साथ अपने संबंधों को कितना महत्व देता है. अगले कुछ घंटों में पीएम मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ डिनर, भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत और 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे.
भारत और रूस के संबंधों ने अतीत में कई तूफानों का सामना किया है, उसके बाद भी दोनों देशों के बीच दोस्ती पहले से कहीं अधिक बेहतर और मजबूत हुई है. आर्थिक मोर्चे पर बात करें तो रूस दशकों से भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता रहा है. यूक्रेन के साथ अपने सैन्य संघर्ष के बाद, भारत रियायती रूसी तेल के सबसे बड़े खरीदारों में से एक बना रहा, जिससे उसकी कमाई और राजस्व में वृद्धि हुई. जहां भारत और रूस 22वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं, वहीं चीनी समेत विश्व मीडिया की नजरें बैठक के नतीजे और निष्कर्ष पर टिकी रहेंगी.
PM @narendramodi arrived to a ceremonial welcome in Moscow, Russia. He would be meeting President Putin and taking part in other programmes. pic.twitter.com/ulERkE36vS
— PMO India (@PMOIndia) July 8, 2024
ऐसे में रूस में भारतीय प्रधानमंत्री का इतना भव्य स्वागत इस बात को दोहराता है कि वह तेजी से बदल रहे वैश्विक परिदृश्य में भारत के साथ अपने संबंधों में कितना महत्व देता है और उसमें विश्वास रखता है. भारत ने हाल ही में पश्चिमी शक्तियों के साथ अपने रक्षा संबंधों में विविधता लाई है, ऐसे में यह भी उम्मीद है कि वह हथियारों के आयात के लिए एक देश पर निर्भर नहीं रहेगा.
वहीं पीएम मोदी के रूस दौरे को लेकर लेफ्टिनेंट जनरल कमलजीत सिंह ने कहा कि आज विश्व बहुत चुनौतीपूर्ण स्थिति से गुजर रहा है. एक तरफ रूस व यूक्रेन के बीच संघर्ष हो रहा है, दूसरी तरफ गाजा में इजराइल की कार्रवाई जारी है. उन्होंने कहा कि इन दो चुनौतियों के बीच भारत अपनी तटस्थता के साथ दोनों देशों से बातचीत करने की काबिलियत बचा के रखी है. ऐसे दौर में पीएम मोदी का रूस दौरा महत्वपूर्ण है. पीएम मोदी के दौरे से वैश्विक चुनौतियों के समाधान के साथ सामरिक मोर्चे पर भी हमें मजबूती मिलेगी. हम अमेरिका के साथ संबंध भले ही मजबूत कर रहे हों, लेकिन रूस का अपना स्थान है. जनरल कमलजीत सिंह ने कहा कि पीएम मोदी का दौरा बेहद सही समय में हुआ है. इससे अमेरिका को भी एक संदेश जाएगा कि हम उस पर निर्भर नहीं हैं. चीन को भी कुछ मैसेज जाएगा. हम अपने पुराने मित्र देश रूस को यह यकीन दिलाएंगे कि हम दोस्ती कई लोगों से निभा सकते हैं. रूस के बाद प्रधानमंत्री मोदी ऑस्ट्रिया जाएंगे, जो 40 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली ऑस्ट्रिया यात्रा होगी.