जून में भयानक गर्मी, जुलाई में बेतहाशा बारिश... कभी शैतान तो कभी मेहरबान क्यों हो रहा मौसम?
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जून में भयानक गर्मी, जुलाई में बेतहाशा बारिश... कभी शैतान तो कभी मेहरबान क्यों हो रहा मौसम?

Heavy Rain: मई-जून के महीनों में भीषण गर्मी ने जिंदगी बेहाल कर दिया था, वहीं अब जुलाई के महीने में बारिश के कहर ने जिंदगी को कई इलाकों में तहस-नहस कर रखा है. जानें जुलाई के महीने में ऐसा क्या हुआ कि भारत के हर राज्यों में हो रही झमाझम बारिश.

जून में भयानक गर्मी, जुलाई में बेतहाशा बारिश... कभी शैतान तो कभी मेहरबान क्यों हो रहा मौसम?

Weather Update In Coming Days: अमेरिकी एजेंसी के मुताबिक दुनिया भर में 5 अरब लोगों ने जून महीने में भीषण गर्मी झेली, भारत में 100 से अधिक लोगों की मौत हुई. अमेरिका में क्लाइमेट सेंट्रल के वैज्ञानिकों ने बताया कि जून महीने के नौ दिनों में ही भारत के 619 मिलियन लोगों सहित दुनिया भर में लगभग पांच अरब लोगों ने भीषण गर्मी का सामना किया है. क्लाइमेट सेंट्रल के वैज्ञानिकों ने इसके पीछे का वजह जलवायु परिवर्तन को बताया है. वहीं जुलाई में पहली बार दक्षिण-पश्चिम मानसून भारत के कई राज्यों में जमकर सक्रिया है. नतीजा है कि पिछले सप्ताह देश के कम से कम 80% हिस्से में मूसलाधार बारिश हुई है. जिसमें असम, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, तटीय महाराष्ट्र और कर्नाटक, केरल और लक्षद्वीप में तो बारिश ने जिंदगी जीना बेहाल कर दिया है. 

आइए जानते हैं आखिर क्या है वजह कि जुलाई के महीने में बेतहाशा हो रही बारिश?
2 वजहों से हो रही जबरदस्त बारिश
जुलाई के महीनों में हो रही जबरदस्त बारिश होने की दो वजह सामने आई है.‌ जिसमें एक तो अरब सागर से तेज नम पश्चिमी हवाओं आ चलना, दूसरा मानसून ट्रफ की स्थिति. मानसून ट्रफ पाकिस्तान और बंगाल की खाड़ी के बीच फैला एक अर्ध-स्थायी, कम दबाव वाला क्षेत्र - जो आमतौर पर मौसम के दौरान उत्तर और दक्षिण के बीच घूमता रहता है. जब भी यह दक्षिण की ओर बढ़ता है, जैसा कि अभी इसके हालात हैं, तो मध्य, पूर्वी और प्रायद्वीपीय भारत में अधिक वर्षा हो सकती है.  जब यह उत्तर की ओर बढ़ता है, तो हिमालय की तलहटी में अधिक वर्षा होने की संभावना होती है, लेकिन शेष भारत में वर्षा में गिरावट देखी जाती है. लेकिन इस बार जुलाई में जमकर बारिश हो रही है.

इन दो वजहों के अलावा भी कई और वजह है जिसकी वजह से बेतहाशा बारिश हो रही है.

अपतटीय ट्रप का बना रहना
दक्षिण गुजरात और उत्तरी केरल के बीच एक अपतटीय ट्रफ (कम दबाव की एक उथली ट्रफ, जो मानसून के दौरान भारत के तट पर विकसित होती है) का एक सप्ताह से अधिक समय तक बने रहना.

हवाओं में बदलाव होना
मध्य और प्रायद्वीपीय भारत के बीच अक्षांश 20° उत्तरी के साथ-साथ हवा के अलग-अलग वेग और दिशाओं के साथ चलना. सोमवार को ओडिशा तट से दूर बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य में कम दबाव प्रणाली का उत्पन्न होना. जिसकी वजह से मंगलवार को छत्तीसगढ़ और उससे सटे विदर्भ और बुधवार को दक्षिण-पूर्व मध्य प्रदेश में जमकर बारिश हुई.

जुलाई के महीनों में बारिश के क्या रहे हालात?
विज्ञापन मौसम विभाग के बारिश के आंकड़े बताते हैं कि 9 जुलाई को पूरे भारत में 242 मिमी बारिश हुई थी, 17 जुलाई को 305.8 मिमी की बारिश हुई. पूरे देश में इस मौसम में कुला मिलाकर सामान्य बारिश का 97% हिस्सा बारिश का है. 

इस साल 17 राज्यों में या तो सामान्य बारिश हुई या तो उससे अधिक हुई. ओडिशा, हरियाणा, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश और झारखंड, केरल, नागालैंड, मणिपुर और मिजोरम जैसे राज्यों में जमकर बारिश हुई.  13 जुलाई से देश के पश्चिमी तट पर, खासकर कोंकण, गोवा, मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों, तटीय कर्नाटक और केरल में भारी बारिश की कुछ घटनाएँ दर्ज की गई हैं. उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, गुजरात और पश्चिम बंगाल में भी भारी बारिश हुई.

पूर्वानुमान क्या है?
दक्षिण-पश्चिम मानसून इस पूरे सप्ताह दक्षिण प्रायद्वीपीय, पूर्वी भारत और हिमालयी राज्यों में सक्रिय रहेगा. शुक्रवार के आसपास बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम में एक नया निम्न दबाव तंत्र विकसित होगा, जिसके भूमि की ओर बढ़ने से मानसून की गति उच्च रहेगी और अगले पाँच दिनों के दौरान पूर्वी और मध्य भारत के क्षेत्रों में बारिश जारी रहेगी.

अगले पांच दिनों के जानें बारिश का हाल?
अगले चार से पांच दिनों के दौरान मानसून की रेखा अपनी सामान्य स्थिति के दक्षिण में रहने की संभावना के साथ आईएमडी ने कच्छ, सौराष्ट्र, कोंकण, गोवा, तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जहां गुरुवार को बहुत भारी से लेकर अत्यधिक भारी वर्षा (24 घंटों में 115 मिमी से 204 मिमी) होने की संभावना है.

19 जुलाई तक कहां-कहां कौन से अलर्ट है जारी
19 जुलाई के लिए, गुजरात, पश्चिमी मध्य प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, कोंकण, जिया, तटीय और आंतरिक कर्नाटक, केरल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. जबकि उसी दिन, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, विदर्भ, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में गरज, बिजली और भारी वर्षा से पहले ऐलो अलर्ट जारी किया है. तमिलनाडु और मध्य भारत को छोड़कर पूरे दक्षिण भारत में भारी वर्षा होगी और कुछ क्षेत्रों में बिजली और गरज भी देखने को मिलेगी.

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