आमतौर पर घरों में स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें खाना बनाने और खाने से शरीर को कोई फायदा भी नहीं मिलता. बहुत तेज आंच पर खाना बनाने से इन बर्तनों में मौजूद केमिकल रिएक्ट करता है. इससे सेहत से जुड़ी कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं. स्टील के बर्तन कार्बन, क्रोमियम और निकल इन तीन मेटल से मिलकर बने होते हैं.
पीतल के बर्तन में बना खाना कई पोषक तत्वों से युक्त होता है. इसमें बने भोजन में ज्यादा मात्रा में जिंक मौजूद होता है. ये शरीर में ब्लड काउंट को बढ़ाता है और खून को प्यूरीफाई करता है. पीतल के बर्तनों में खाना पकाने से इससे नैचुरल ऑयल निकलता है, जो खाने में मिल जाता है और ये भोजन के स्वाद को बढ़ाता है.
पीतल के गिलास में रात भर पानी भरकर रखें और उसे सुबह खाली पेट पिएं. इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है. इससे बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है.
पीतल के बर्तनों में खाना श्वसन तंत्र को भी मजबूत बनाता है. इसमें बना खाना सांस से जुड़ी बीमारियों में आपको फायदा पहुंचाएगा.
पीतल के बर्तनों में खाना पकाने और इसमें खाने से इससे निकलने वाला मिलेनियम तत्व खाने में मिल जाता है और ये स्किन के लिए भी फायदेमंद होता है. बर्तनों की क्वालिटी का खास ख्याल रखें.
पीतल के बर्तनों में खाना पकाते समय कुछ बातों का ध्यान रखें. कई बार पीतल के बर्तनों में खाना पकाने या इनमें खाने से साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं. कभी इन बर्तनों में एसिडिक फूड्स जैसे नींबू, टमाटर या ऐसी चीजें न बनाएं जिनमें खट्टे तत्व या एसिड मौजूद हों. पीतल के बर्तन समय के साथ ऑक्सीजन से प्रक्रिया करके काले पड़ने लगते हैं. कभी भी पीतल के ऐसे बर्तनों में खाना न पकाएं जो ऑक्सीडाइज हो गए हों.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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