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नई दिल्ली: साबूदाना (Sabudana) खाना ज्यादातर लोगों को पसंद होता है. हिंदू धर्म के अधिकतर लोग व्रत में साबूदाना खाते हैं. लेकिन हमारे मन में अक्सर ये सवाल आता है कि साबूदाना कैसे और किस चीज से बनता (Sabudana Making Process) है? दरअसल साबूदाना एक पेड़ के जरिए बनाया जाता है और इसे तैयार करने के लिए एक लंबी प्रक्रिया को पूरा करना होता है.
बता दें कि साबूदाना बनाने के लिए सबसे पहले टेपिओका (Tapioca) के पेड़ की जड़ को निकाल लिया जाता है. इसे कसावा रूट (Cassava Root) भी कहा जाता है. ये बहुत हद तक शकरकंद जैसा होता है. टेपिओका की जड़ को पहले अच्छी तरह पानी से धोया जाता है और फिर इसके ऊपर का छिलका हटा दिया जाता है. फिर छिली हुई जड़ में पानी मिलाकर इसे अच्छी तरह से पीस लिया जाता है.
टेपिओका की जड़ को पीसने के बाद जो मटेरियल निकलता है उससे स्टार्च और फाइबर अलग कर लिया जाता है. इसके बाद इसे बड़े-बड़े बर्तनों में डालकर कई दिनों तक स्टोर किया जाता है. हालांकि बीच-बीच में इसमें पानी डालते रहते हैं जिससे मटेरियल सूखे नहीं. जब ये मटेरियल तैयार हो जाता है तो इसे सूखाने के लिए डाल दिया जाता है. फिर इस मटेरियल को गोल-गोल दिखने वाले दानों का रूप दिया जाता है जो साबूदाने के रूप में हमें मिलता है.
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बता दें कि साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसके अलावा इसमें विटामिन सी और कैल्शियम भी होता है. साबूदाना से आप हलवा, खिचड़ी, चाट और अन्य टेस्टी रेसिपी बना सकते हैं. गौरतलब है कि साबूदाना खाने से हमारी हड्डियां मजबूत होती हैं क्योंकि इसमें कैल्शियम होता है. इसके अलावा साबूदाना खाने से शरीर में एनर्जी बरकरार रहती है. वजन घटाने में भी साबूदाना मददगार है. पेट की समस्याओं से भी साबूदाना राहत दिलाता है. ये जल्दी पच जाता है.