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न्यू दिल्ली: विंटर सीजन (Winter Season Foods) में लोग कई तरह के वायरल और संक्रमण का शिकार होते हैं. इस कोरोना काल में सेहत के लिए हमें विशेष ध्यान देने की जरूरत है. ऐसे में हमें अपना इम्युन सिस्टम मजबूत रखना होगा. इस मौसम में मौसमी बुखार या एलर्जी या फिर आम वायरल के संक्रमण से लड़ने के लिए हमें मजबूत इम्युन सिस्टम की आवश्यकता होती है. इसलिए इस सीजन में डाइट का खास ख्याल रखें.
गेंहू के आटे का उपयोग हम हर सीजन में करते हैं, लेकिन सर्दियों के दिनों में हम दूसरे पोषक तत्वों से भरपूर आटे की रोटियां (Winter-Friendly Flours) भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं. ये चपातियां न सिर्फ स्वादिष्ट होती हैं बल्कि इनसे आपका इम्युनिटी सिस्टम भी मजबूत रहता है. तो आज हम आपको 6 प्रकार के आटे के बारे में बता रहे हैं जिनको चपातियों के अलावा भी कई व्यंजन के रूप मे खाया जा सकता है.
बाजरा (Bajara) एक ऐसा आटा है जिसमें फाइबर और पोटेशियम से भरपूर मात्रा में होता है. सर्दियों के मौसम में तमाम भारतीय परिवारों में इसका सेवन होता है. आमतौर पर इस आटे का प्रयोग वो लोग करते हैं जो गेंहू के आटे का सेवन नहीं कर सकते हैं. बाजरा ओमेगा -3 और आयरन का भी अद्भुत स्रोत है. आप इस आटे की न सिर्फ चपातियां खा सकते हैं बल्कि उत्तपम, दलिया और खिचड़ी भी बना सकते हैं. बाजरा आपकी केवल पाचन क्रिया को दुरुस्त रखता है और वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है.
ज्वार एक लस फ्री (gluten-free) आटा है जो आपके पाचन में सुधार करता है. इसके सेवन से शरीर में शुगर का लेवल नियंत्रित करता है. दिल के मरीजों के लिए भी ज्वार का आटा अत्यंत लाभकारी है. ज्वार को रोटियों के अलावा आप उपमा, डोसा और पेनकेक्स के रूप में भी तैयार कर सकते हैं. इसके सेवन से भी इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होता है.
कंगनी (Kangni Atta) को फॉक्सटेल बाजरा भी कहते हैं. सर्दियों के दौरान इसका सेवन आपके लिए कई तरह से लाभकारी हो सकता है. इसमें विटामिन बी 12 प्रचुर मात्रा मे होता है जो दिल और तंत्रिका तंत्र यानी नरवस सिस्टम के सुचारू संचालन यानी स्मूद फंक्शनिंग को सुनिश्चित करता है. बाल बढ़ाने के लिए इस खाने को खाने की सलाह दी जाती है. इसे भी रोटी, दलिया, पुलाव, खिचड़ी बनाने के लिए किया जाता है.
मक्की की रोटी (Makki Ka Atta) और सरसों का साग बहुत से लोगों का फेवरेट भोजन है. इस आटे का इस्तेमाल खास तौर से सर्दियों में किया जाता है. मक्का में विटामिन ए, सी, के, बीटा-कैरोटीन और सेलेनियम जैसे पोषक तत्वों भरपूर मातरा में पाए जाते हैं. एनीमिया के रोगियों के लिए मक्की लाभकारी अनाज है क्योंकि यह आयरन युक्त है.
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विंटर सीजन में रागी (Ragi Ka Atta) का सेवन भी बेहद लाभकारी होता है. इसमें कैल्शियम कि भरपूर मात्रा होने से ये जल्दी डाइजेस्ट होता है. मधुमेह यानी डाइबीटीज के मरीजों के लिए रागी का आटा बहुत उपयोगी है. आप इसे दूसरे आटे के साथ भी मिलाकर प्रयोग कर सकते हैं. फाइबर युक्त रागी के व्यंजन एनीमिया मरीजों के लिए लाभकारी हैं.
कुट्टू के आटे (Kuttu Ka Atta) का खासकर नवरात्रि या सभी तरह के व्रतों में किया जाता है. कुट्टू को buckwheat भी कहते हैं. इसमें विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स के साथ-साथ विटामिन बी 2 (राइबोफ्लेविन) और विटामिन बी (नियासिन) भी होता है. इस आटे का पराठा, पूरियां, डोसा और पैनकेक के साथ कई व्यंजनों तैयार की जाते हैं. कुट्टू के आटे से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है जिससे ब्लड प्रेशर से जुड़ी समस्याओं नहीं होती हैं.
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