जब हम किसी बुजुर्ग व्यक्ति को चुस्त, फुर्तीला और फिट देखते हैं, तो हम अक्सर हैरान रह जाते हैं. हमारे मन में सवाल उठता है कि आखिर इस उम्र में ये कैसे मुमकिन है?
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जब हम किसी बुजुर्ग व्यक्ति को चुस्त, फुर्तीला और फिट देखते हैं, तो हम अक्सर हैरान रह जाते हैं. हमारे मन में सवाल उठता है कि आखिर इस उम्र में ये कैसे मुमकिन है? क्या यह खास डाइट का असर है, क्या रोजाना कसरत करने का या फिर मानसिक शांति का? दरअसल, यह इन सबका संयोजन हो सकता है और इसका जीता जागता उदाहरण हैं ब्रिस्टल के 92 वर्षीय केन हेड, जिन्होंने यह साबित किया है कि उम्र महज एक नंबर है.
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व इंजीनियर केन हेड के पास ऐसी फिटनेस और रूटीन है जो किसी भी युवा को शर्मिंदा कर सकती है. 92 साल की उम्र में भी केन रोजाना 45 मिनट की कसरत करते हैं, जिसमें वह 400 से 600 पुश-अप्स और 5 से 10 किलोमीटर की दौड़ शामिल है. इसके अलावा, वे बॉक्सिंग और क्लाइम्बिंग भी करते हैं.
खास डाइट से दिन की शुरुआत
उनकी दिन की शुरुआत उनकी खास डाइट से होती है. केन हर सुबह अपनी डाइट में जंबो ओट्स, व्हीट जर्म, चिया सीड्स, अंजीर, किशमिश और मेवे मिलाते हैं. उन्होंने मीडिया को बताया कि मैं इसे कटोरे में डालता हूं, उसमें थोड़ा दूध डालता हूं. यह मेरी जिंदगी है. इसके बाद, वे अपने दिन की शुरुआत पुश-अप्स, स्ट्रेचिंग, वेट ट्रेनिंग और फिर दौड़ के साथ करते हैं. फिटनेस को और चुनौती देने के लिए केन ने स्प्रिंट ट्रायथलॉन शुरू किया, जिसमें तैराकी, साइक्लिंग और दौड़ शामिल हैं.
सेहत को लेकर अडिग जुनून
केन का फिटनेस के प्रति जुनून अडिग है. उन्होंने कई मेडिकल प्रक्रियाओं का सामना किया, लेकिन फिर भी उन्होंने फिटनेस से कभी समझौता नहीं किया. एक साल पहले, एक ई-स्कूटर ने उन्हें दौड़ते वक्त टक्कर मार दी थी, जिससे उनकी एड़ी में चोट आई, जो कभी ठीक नहीं हो सकी. इसके अलावा, उन्हें स्किन कैंसर भी हुआ था, जिसे बाद में सर्जरी से हटा दिया गया. केन ने कहा कि इस ऑपरेशन ने मुझे कुछ समय के लिए दौड़ से बाहर कर दिया, लेकिन मैंने फिर भी जारी रखा.
क्या उम्र शारीरिक एक्टिविटी की सीमा तय करती है?
हम अक्सर मानते हैं कि उम्र बढ़ने के साथ शारीरिक एक्टिविटी कम हो जाती है. उम्र बढ़ने के साथ शरीर में मसल्स की ताकत, हड्डियों की डेंसिटी और जोड़ों की गतिशीलता में कमी आने लगती है. इन सभी कारकों के कारण शारीरिक एक्टिविटी में कमी आ सकती है. इसके अलावा, उम्र के साथ एनर्जी लेवल में गिरावट और आर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस या दिल से जुड़ी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं, जिससे शारीरिक एक्टिविटी में बाधा आती है.