डिमेंशिया एक ऐसी बीमारी है जो दिमाग की काम करने की क्षमता को कमजोर कर देती है. याददाश्त कमजोर होना, निर्णय लेने में परेशानी और सीखने में दिक्कतें डिमेंशिया के कुछ लक्षण हैं.
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डिमेंशिया एक ऐसी बीमारी है जो दिमाग की काम करने की क्षमता को कमजोर कर देती है. याददाश्त कमजोर होना, निर्णय लेने में परेशानी और सीखने में दिक्कतें डिमेंशिया के कुछ लक्षण हैं. उम्र बढ़ने के साथ डिमेंशिया का खतरा भी बढ़ जाता है. लेकिन हाल ही में हुए एक अध्ययन में ये पाया गया है कि दिमागी रूप से व्यस्त रहने से डिमेंशिया का खतरा कम हो सकता है.
यह अध्ययन जर्नल ऑफ न्यूरोलॉजी में प्रकाशित हुआ है. इसमें शोधकर्ताओं ने 70 साल से ज्यादा उम्र के 790 लोगों पर शोध किया. इन लोगों को उनकी दिमागी गतिविधियों के आधार पर 4 ग्रुपों में बांटा गया.
पहला ग्रुप- जिन लोगों की दिमागी गतिविधियां बहुत ज्यादा थीं.
दूसरा ग्रुप- जिन लोगों की दिमागी गतिविधियां मध्यम थीं.
तीसरा ग्रुप- जिन लोगों की दिमागी गतिविधियां कम थीं.
चौथा ग्रुप- जिन लोगों को पहले से ही डिमेंशिया था.
शोधकर्ताओं ने 12 साल तक इन लोगों का निरीक्षण किया. अध्ययन के दौरान 237 लोगों को डिमेंशिया हो गया. शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों की दिमागी गतिविधियां बहुत ज्यादा थीं, उनमें डिमेंशिया होने का खतरा सबसे कम था. वहीं, जिन लोगों की दिमागी गतिविधियां कम थीं, उनमें डिमेंशिया होने का खतरा सबसे ज्यादा था. अध्ययन के मुख्य लेखक का कहना है कि हमारा अध्ययन बताता है कि दिमाग को लगातार उत्तेजित करना डिमेंशिया के खतरा को कम करने में मदद कर सकता है.
तो दिमाग को कैसे व्यस्त रखा जाए?
- नई चीजें सीखें. कोई नया भाषा सीखें, कोई नया इंस्ट्रूमेंट बजाना सीखें या फिर पेंटिंग, डांस आदि कोई नया हुनर सीखें.
- पहेलीयां सुलझाएं. सुडोकू, क्रॉसवर्ड जैसी पहेलीयां दिमाग की कसरत करने का शानदार तरीका हैं.
- किताबें पढ़ें. किताबें पढ़ने से न सिर्फ आपका ज्ञान बढ़ता है बल्कि आपकी मेमोरी भी तेज होती है.
- सामाजिक रूप से जुड़े रहें. दोस्तों और परिवार के साथ मिलें-जुलें, नई लोगों से बातचीत करें.
- मानसिक व्यायाम करें. कुछ देर के लिए शांत बैठकर ध्यान लगाएं.
यह अध्ययन डिमेंशिया के बचाव के लिए एक नई उम्मीद जगाता है. दिमाग को तेज और हेल्दी रखने के लिए दिमागी रूप से एक्टिव रहना बहुत जरूरी है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.