एफडीए ने कहा है कि महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक और महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए हमने किशोरों में आपातकालीन उपयोग के लिए फाइजर बायोएनटेक कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण कदम है.
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नई दिल्ली: अमेरिका ने कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में बड़ा कदम उठाया है. अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने 12 से 15 साल के बच्चों के लिए भी फाइजर की कोरोना वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. इस फैसले से बच्चों को भी सामान्य जीवन जीने का मौका मिलेगा. इससे पहले 16 उम्र से अधिक के लोगों के लिए वैक्सीन की मंजूरी दी गई.
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महामारी के खिलाफ बड़ा कदम-FDA
एफडीए ने कहा है कि महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक और महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए हमने किशोरों में आपातकालीन उपयोग के लिए फाइजर बायोएनटेक कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण कदम है.
आश्वस्त हों माता-पिता और अभिभावक
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एफडीए के कार्यकारी आयुक्त डॉक्टर जेनेट वुडकॉक ने कहा, 'वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर लिया गया यह निर्णय हमें सामान्य स्थिति में लौटने के करीब लाएगा. माता-पिता और अभिभावक इस बात के लिए आश्वस्त हो सकते हैं कि एजेंसी ने सभी उपलब्ध डेटा की गहन समीक्षा की है. हमारे सभी कोरोना वैक्सीन आपातकालीन उपयोग प्राधिकरणों के पास है.'
इतने वॉलंटिअर्स को दी गई वैक्सीन
फाइजर ने मार्च में आंकड़े जारी करके बताया था कि 12-15 साल के 2,260 वॉलंटिअर्स को वैक्सीन दी गई थी. टेस्ट के डेटा में पाया गया कि पूरे वैक्सिनेशन के बाद इन बच्चों में कोरोना इन्फेक्शन का कोई केस नहीं मिला. फाइजर ने बताया था कि 18 साल के लोगों की तुलना में 12 से 15 साल की उम्र के जिन बच्चों को वैक्सीन की डोज दी गई थी, वो कोरोना से संक्रमित नहीं हुए.
भारत में भी आ सकती है बच्चों के लिए वैक्सीन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में कैडिला भी 12 साल से ज्यादा के किशोर के लिए भी कोरोना वैक्सीन लाने पर विचार कर रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक अहमदाबाद की इस कंपनी ने बच्चों पर वैक्सीन का फेज-3 ट्रायल भी किया है.
अब तक 17 करोड़ से अधिक खुराकें
इधर, भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि लोगों को कोविड-19 रोधी टीके की 17 करोड़ खुराकें देकर भारत ने दुनिया में सबसे तेजी से टीकाकरण किया है. मंत्रालय ने कहा कि इस आंकड़े तक पहुंचने में चीन को 119 दिन जबकि अमेरिका को 115 दिन लगे. भारत ने 114 दिन में ही यह लक्ष्य हासिल कर लिया. देश में अब तक 17 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं.
भारत में स्वास्थ्यकर्मियों को खुराकें देने के साथ 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू किया गया था. इसके बाद 2 फरवरी से अग्रिम मोर्चे के कर्मियों का टीकाकरण शुरू हुआ. इसके बाद अलग-अलग उम्र समूहों के लिए टीके देने की शुरुआत की गई जो अब तक जारी है.
मिलेगा मनचाही वैक्सीन लगाने का विकल्प
भारत में बढ़ते मामलों के बीच अब लोगों को मनचाही वैक्सीन लगाने का विकल्प मिलेगा. इसके लिए कोविन पोर्टल पर बदलाव किए गए हैं. पोर्टल पर उम्र के हिसाब से टीकाकरण केंद्रों खोजने की सुविधा भी प्रदान की गई है. कारण, सभी केंद्रों में सभी उम्र के लोगों को टीके नहीं लगते हैं. वहीं 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीनेशन से पहले पंजीकरण की सलाह दी जाती है. जबकि 18-44 आयु वर्ग के लिए ऑनलाइन पंजीकरण जरूरी है.
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