Benefits of Hansasana: दिमाग और फेफड़ों के लिए फायदेमंद है ये आसन, जानें विधि और जबरदस्त लाभ
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Benefits of Hansasana: दिमाग और फेफड़ों के लिए फायदेमंद है ये आसन, जानें विधि और जबरदस्त लाभ

Benefits of Hansasana: हंसासन का नियमित अभ्यास करने से सीना मजबूत व सुडौल होता है, जिससे शरीर स्‍वस्‍थ रहता है. जानिए इसकी विधि.

Benefits of Hansasana

Benefits of Hansasana: भागदौड़ भरी जीवनशैली में कमर दर्द, पीठ दर्द जैसी समस्याएं आम हो चुकी हैं. समय का अभाव और काम की जल्दबाजी में लोग हेल्थ पर ध्यान नहीं दे पाते. जिसका नतीजा ये होता है कि उन्हें समय से पहले ही कई तरह की समस्याएं घेर लेती हैं. हालांकि योग का जीवन में अपनाकर आप इन समस्याओं से बच सकते हैं. इसलिए आज हम आपके लिए हंसासन के फायदे लेकर आए हैं.

हंसासन का अभ्यास करते समय आदमी के शरीर की स्थिति हंस के समान हो जाती है, इसलिए इस आसन को हंसासन कहा जाता है. इस आसन को नियमित अभ्यास के साथ करने से आप को तकलीफ के साथ साथ छोटी-छोटी बीमारियों से भी राहत मिलती है. नीचे जानिए इसकी विधि और फायदे...

हंसासन के अभ्यास के फायदे

1. हंसासन नियमित रूप से करने से से हाथ व पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं तथा गर्दन का मोटापा कम होता है.

2. यह आपके मल-मूत्र की तकलीफ को दूर करता है और पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाता है. इस अभ्यास की मदद से दिमाग भी शांत रहता है। 

3. यह आसन पेट की चर्बी को कम कर करता है, जिससे मोटापे कम करने में सहायता मिलती है.

4. इस आसन का अभ्यास लगातार करते रहने से भूख बढ़ती है.

5. योगासन से सीना मजबूत व सुडौल होता है, जिससे शरीर स्‍वस्‍थ रहता है.

6. इस अभ्यास की मदद से दिमाग भी शांत रहता है.

7. हंसासन से फेफड़े स्वच्छ एवं अधिक सक्रिय बने रहते हैं.

हंसासन की विधि

  • सबसे पहले घुटनों के बल जमीन पर बैठ जाएं.
  • इसके बाद दोनों पंजों को साथ में रखें और घुटनों को अलग-अलग रखें.
  • हथेलियों को जमीन पर रखें और अंगुलियों को पैरों की ओर रखें.
  • फिर दोनों हाथों की कलाइयों को एक दूसरे के पास ले आएं.
  • अब भुजाओं के आगे के भाग को शरीर से सटा लें.
  • अब आगे की ओर झुकें ताकि पेट आपकी कोहनियों के ऊपर रहे और छाती भुजाओं के ऊपर भाग पर रहे.
  • अब बैलेंस बनाते वक्त पैरों को धीरे-धीरे पीछे की ओर सीधा करने की कोशिश करें. 
  • इस दौरान पैर के पंजों को एक साथ रखें और पैरों की अंगुलियों को जमीन पर टिकाकर रखें.
  • इस दौरान शरीर का भार हाथों और पैरों की अंगुलियों पर होना चाहिए.
  • क्षमता के अनुसार आप इस अवस्था को बनाए रखें.
  • इसके बाद घुटनों को जमीन पर लें आएं और वज्रासन में बैठ जाएं.
  • आप इस योगासन को 10 मिनट के लिए कर सकते हैं.

सावधानियां

  1. पेट से जुड़ी समस्याएं होने पर इसका अभ्यास न करें.
  2. हाथों में दर्द या पैरों में ऐंठन महसूस होने पर इसे न करें.
  3. परेशानी होने पर रूककर इस आसन का अभ्यास करें.
  4. गर्भवती महिलायें कभी भी इस आसन का अभ्यास न करें.

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