एक नए शोध के मुताबिक सिगरेट पीने की लत से महिलाओं में बांझपन का खतरा बढ़ सकता है। धूमपान की बढ़ती लत और तंबाकू सेवन करने वाली महिलाएं बांझपन और रजोनिवृति का शिकार हो सकती है। एक नए शोध के मुताबिक यह चेतावनी दी गई है कि एक्टिव और पैसिव दोनों प्रकार के धूम्रपान से महिलाओं में बांझपन और समय से पहले रजोनिवृति का खतरा बढ़ सकता है।
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नई दिल्ली: एक नए शोध के मुताबिक सिगरेट पीने की लत से महिलाओं में बांझपन का खतरा बढ़ सकता है। धूमपान की बढ़ती लत और तंबाकू सेवन करने वाली महिलाएं बांझपन और रजोनिवृति का शिकार हो सकती है। एक नए शोध के मुताबिक यह चेतावनी दी गई है कि एक्टिव और पैसिव दोनों प्रकार के धूम्रपान से महिलाओं में बांझपन और समय से पहले रजोनिवृति का खतरा बढ़ सकता है।
शोध के मुताबिक धूम्रपान के जरिए तंबाकू के शरीर में अंदर जाने से मीनपॉज यानी रजोनिवृति एक या दो साल पहले हो सकता है। जो महिलाएं धूम्रपान नहीं करती है उन्हें भी इस मुसीबत का पैसिव स्मोकिंग के जरिए सामना करना पड़ सकता है। न्यूयॉर्क के रोजवेल पार्क कैंसर इंसीट्यूट में किए गए शोध के मुताबिक इस सर्वे के तहत यह बात साफ हो जाती है कि धूम्रपान एक्टिव हो या पैसिव दोनों प्रकार से महिलाओं में बांझपन और रजोनिवृति के लिए खतरा बन सकता है।
शोध में यह कहा गया है कि धूम्रपान के जरिए शरीर में जा रहे तंबाकू महिलाओं के प्रजनन तंत्र पर विपरीत प्रभाव डालने के साथ उनके हार्मोनल संतुलन को भी खराब कर देते है। वर्ल्ड हेल्थ इनिशिएटिव ऑब्जर्वेशनल स्टडी (WHIOS) के तहत इस शोध में 93,000 महिलाओं को शामिल किया गया। प्रजनन तंत्र पर विपरीत असर पड़ने से गर्भवती होने में महिलाओं को दिक्कतों को सामना करना पड़ता है जबकि हार्मोनल संतुलन बिगड़ने से समय पूर्व रजोनिवृति का सामना करना पड़ सकता है।