Coronavirus In India: उत्तर भारत में कोरोना के केसेज में इजाफा देखने को मिल रहा है, दिल्ली, राजस्थान, यूपी और बिहार में भी पिछले 15 दिनों में ज्यादा नए मामले सामने आए हैं.
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Covid Cases In India: कोरोना ने एक बार फिर लोगों को डराना शुरू कर दिया है, पिछले 15 दिनों में दिल्ली में 459 मामले सामने आए, जो पिछले पखवाड़े में 191 और इससे पहले के 15 दिनों में 73 थे. राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा भी कोविड पॉजिटिव पाए गए हैं, उनके प्रदेश में पिछले 15 दिनों में 226 केस मिले हैं जो इससे पहले के दो पखवाड़े में क्रमश: 96 और 27 थे. ये जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों से मिली है. हालांकि फिलहाल टेस्टिंग कम हो रही है, ऐसे में कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि असल आंकड़े इससे कहीं ज्यादा होंगे.
दिल्ली में डेली केस 50 के पार
दिल्ली में कोविड-19 के डेली आंकड़े पिछली बार मई 2023 को नजर आए थे, उस समय कोरोना के मामले घटने लगे थे जो मार्च और अप्रैल 2023 के मिड में 12, 500 तक पहुंच गए थे. इसके बाद हाला में ही दिसंबर-जनवरी की सर्दी में फिर कोरोना केस में इजाफा देखने को मिला था लेकिन संख्या काफी कम थी. 20 दिसंबर 2023 को पूरे देश में डेली काउंट 841 के आसपास था, उस वक्त ज्यादातर संक्रमण साउथ इंडिया में देखने को मिला था जो कि केरल में सबसे अधिक था.
यूपी और बिहार में भी मामले बढ़े
अब दो महीने के बाद ऐसा लग रहा है कि उत्तर भारत में वायरस का स्पाइक देखा जा रहा है. दिल्ली और राजस्थान के अलावा यूपी और बिहार में भी कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. उत्तर प्रदेश में 20 जनवरी और 4 फरवरी 2024 के बीच सिर्फ 12 केस थे, लेकिन फिर 4 फरवरी से 19 फरवरी के बीच ये आंकड़ा 36 रिकॉर्ड किया गया, लेकिन चिंता की बात तब नजर आई जब 19 फरवरी से कोविड के मामले 164 तक पहुंच गए. इसी तरह बिहार में पिछले पखवाड़े में कोरोना के मामले महज 14 थे,जो अब हाल के 15 दिनों में 103 तक पहुंच गए हैं.
कर्नाटक और महाराष्ट्र में कैसे हैं हालात?
कर्नाटक, जहां हाल ही में कोरोना के मामले बढ़े थे, लेकिन अब कम हो रहे हैं, पिछले दो पखवाड़े में ये जो संख्या 959 तक पहुंच गई थी, लेकिन हाल के 15 दिनों में ये 268 रही. महाराष्ट्र में हालांकि पिछले 3 पखवाड़े में में कोरोना के मामले कम स्पीड से बढ़े हैं, जो क्रमश: 466, 555 और 496 रहे. हालांकि एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कोरोना के इतने कम मामले बढ़ना चिंता का विषय नहीं हैं, खासकर तब जब वायरस का नया वेरिएंट सामने नहीं आया है.