CT Scan for Covid: कोविड के मरीज बार-बार न करवाएं सीटी स्कैन, बढ़ जाता है कैंसर का खतरा
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CT Scan for Covid: कोविड के मरीज बार-बार न करवाएं सीटी स्कैन, बढ़ जाता है कैंसर का खतरा

आजकल बहुत से लोग कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के तुरंत बाद बिना डॉक्टरी सलाह के अपने मन से चेस्ट का सीटी स्कैन करवा रहे हैं. ऐसा न करें क्योंकि एम्स चीफ की मानें तो बार-बार सीटी स्कैन करवाने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.

सीटी स्कैन के भी हैं कई साइड इफेक्ट्स

नई दिल्ली: कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Coronavirus second wave) जिस तरह से रोजाना लाखों लोगों को संक्रमित कर रही है और हर दिन हजारों लोगों की मौत हो रही है, उसे देखते हुए बहुत से लोगों के मन में डर और घबराहट का माहौल है. स्वास्थ्य व्यवस्था भी पूरी तरह से चरमा गई है और लोगों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित हो जाता है तो वह इंटरनेट पर मौजूद जानकारियों के आधार पर बिना डॉक्टरी सलाह के भी अपने मन से बहुत सारी दवाइयां खाने लगता है और टेस्ट करवाता है. इन्हीं में से एक है चेस्ट सीटी स्कैन (Chest CT-Scan).

  1. 300 से 400 एक्स-रे के बराबर होता है एक सीटी स्कैन
  2. बार-बार या बिना डॉक्टरी सलाह के सीटी करवाने से कैंसर का खतरा
  3. कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीज न करवाएं सीटी स्कैन  

300-400 एक्स-रे के बराबर है 1 सीटी स्कैन

लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि बिना वजह सीटी स्कैन करवाने का या बार-बार सीटी स्कैन करवाने का आपके शरीर पर कितना बुरा असर पड़ सकता है. नई दिल्ली स्थित एम्स के चीफ डॉ रणदीप गुलेरिया की मानें तो 1 सीटी स्कैन 300 से 400 एक्स-रे (X-Ray) के बराबर होता है. इसलिए बिना डॉक्टरी सलाह के सीटी स्कैन करवाने से भविष्य में कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है (Cancer risk increases). इसका कारण ये है कि सीटी स्कैन के दौरान काफी रेडिएशन (Radiation) निकलती है जिसका शरीर पर बुरा असर पड़ता है.

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हल्के लक्षण वाले मरीज न करवाएं सीटी स्कैन

डॉ गुलेरिया ने तो यहां तक सलाह दी कि जिन लोगों में कोरोना वायरस के हल्के या मध्यम श्रेणी के लक्षण हों उन्हें सीटी स्कैन (CT-Scan is not needed in mild cases) करवाना ही नहीं चाहिए. ऐसे बहुत से लोग हैं जो कोरोना पॉजिटिव टेस्ट होने के तुरंत बाद सीटी स्कैन करवा रहे हैं लेकिन ऐसा करना सही नहीं है. करीब 30 से 40 प्रतिशत बिना लक्षण वाले मरीजों के फेफड़ों में भी कुछ पैच (Patch in lungs) दिखते हैं लेकिन वे बिना किसी इलाज के समय के साथ खुद ही ठीक हो जाते हैं. 

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डॉक्टर की सलाह के बिना न करवाएं सीटी स्कैन

कोरोना के मामले में डॉक्टर जो सीटी स्कैन कराते हैं, वो है HRCT यानी चेस्ट का सीटी स्कैन. इससे ये पता चल जाता है कि क्या फेफड़ों में किसी तरह का कोई इंफेक्शन है या नहीं और अगर इंफेक्शन है तो उसने फेफड़ों को कितना डैमेज किया है (Infection in lungs). हालांकि आजकल कुछ लोग अपने मन से सीटी स्कैन करा रहे हैं जिसकी कोई जरूरत नहीं है. जब RT-PCR नेगेटिव हो और डॉक्टर को लगे कि लक्षण कोविड के हैं, जैसे सांस फूलना, सांस लेने में दिक्कत होना तब ही डॉक्टर सीटी स्कैन करवाने के लिए कहते हैं.

(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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