Diabetes cases increase: कोरोना महामारी के दौरान लोग सुस्त लाइफस्टाइल जीने लगे और एक्सरसाइज के दूरी बना ली. इसके कारण कई सारे लोग डायबिटीज के शिकार हो गए.
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Diabetes cases increase: कोरोना महामारी के बाद अफ्रीका और एशिया के कई देशों में डायबिटीज मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है.इसकी एक बड़ी वजह है कोरोना के दिनों में लगा लॉकडाउन. एक्सपर्ट के अनुसार, कोरोना लॉकडाउन में लोग दिनभर घर पर ही रहे, जिससे उनकी लाइफस्टाइल में काफी बदलाव आ गया. लोग सुस्त लाइफस्टाइल जीने लगे और एक्सरसाइज के दूरी बना ली. इसके कारण कई सारे लोग डायबिटीज का शिकार हो गए. वैसी भी, मिडिल क्लास फैमली में बढ़ रहे मोटापे के कारण डायबिटीज कोरोना के पहले भी फैल रहा था.
वेबसाइट निक्कईएशिया.कॉम में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार,दस साल पहले की तुलना में पाकिस्तान में डायबिटीज मरीजों की संख्या 5.2 गुना ज्यादा हो चुकी है. डायबिटीज विशेषज्ञ मतिउल्लाह खान ने बताया कि पाकिस्तान में पहले 40 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को ही ये बीमारी होती थी, लेकिन अब ये धीरे-धीरे 20 से 30 वर्ष के लोगों में तेजी से फैल रही है. विशेषज्ञों के मुताबिक तेजी से बढ़े डायबिटीज केस के मामले में पाकिस्तान अकेला उदाहरण नहीं है. एशिया के कई देश हैं जहां डायबिटीज का कहर है. आपको बता दें कि अगर डायबिटीज को कंट्रोल ना किया जाए तो ये दिल की बीमारी, स्ट्रोक और अंधापन का कारण बन सकता है.
अंतरराष्ट्रीय संस्था इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में विकासशील देशों में डायबिटीज मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. इसके आधार पर अनुमान लगाया गया है कि साल 2045 तक अफ्रीका और एशिया के देशों में डायबिटीज मरीजों की संख्या 56 करोड़ तक पहुंच जाएगी. आपको बता दें कि डायबिटीज दो तरह की होती है. पहली टाइप-1 जो जेनेटिक होती है और दूसरी टाइप-2 डायबिटीज, जो खराब लाइफस्टाइल के कारण होती है. 90 फीसदी डायबिटीज मरीज टाइप-2 श्रेणी में आते हैं.
डायबिटीज के लक्षण
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