Vascular Day 2024: संवहनी रोग एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जिसका समय रहते इलाज किया जाना चाहिए. स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और नियमित स्वास्थ्य जांच करवाकर आप इन रोगों के खतरे को कम कर सकते हैं.
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हर साल 6 अगस्त को वैस्कुलर डे मनाया जाता है. इसका उद्देश्य लोगों को वैस्कुलर सिस्टम के बारे में जागरूक करना है. चिकित्सकों का कहना है कि हाइपरटेंशन और मधुमेह की वजह से इस तंत्र पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. नतीजतन संवहनी रोग यानी वैस्कुलर डिजीज के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है.
परिसंचरण तंत्र में धमनियां, नसें और कोशिकाएं शामिल हैं जो पूरे शरीर में खून पहुंचाने का काम करती हैं. जब इन रक्त वाहिकाओं में गड़बड़ी होती है तो इससे परिधीय धमनी रोग (पेरिफेरल आर्टरी डिजीज),से लेकर रक्त के थक्के जमने तक विभिन्न संवहनी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. विशेषज्ञों ने भारत में संवहनी रोगों के बढ़ते बोझ को दूर करने के लिए शीघ्र निदान, जीवनशैली में बदलाव और विशेष देखभाल पर जोर दिया है.
इन बीमारियों के कारण बढ़ रहा खतरा
पुणे के जुपिटर अस्पताल में वैस्कुलर सर्जरी के सलाहकार डॉ. श्रीकांत घनवत ने आईएएनएस को बताया, भारतीय आबादी में मधुमेह के तेजी से बढ़ते मामलों के कारण संवहनी रोग बढ़ रहे हैं. यह सीधे आपके संवहनी तंत्र को प्रभावित करता है.
डॉ. घनवत ने कहा कि इसके पीछे प्रमुख रूप से हाई ब्लड प्रेशर, धूम्रपान, किसी भी रूप में तंबाकू की लत और आनुवांशिक कारक जिम्मेदार हैं. विशेषज्ञ ने कहा, यदि समय पर इसका उपचार न किया जाए तो पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज बड़े एंप्यूटेशन यानि शरीर के किसी एक हिस्से को काटने का कारण बन सकते हैं और यह अत्यधिक चिंता का विषय है.
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वैस्कुलर डिजीज के साइड इफेक्ट्स
संवहनी रोग स्ट्रोक, दौरे, मानसिक विकलांगता, हार्ट अटैक और किडनी फेलियर का कारण भी बन सकते हैं, जिसके लिए डायलिसिस की आवश्यकता होती है. इन जोखिमों को कम करने और प्रभावित बच्चों में उचित वृद्धि और विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रारंभिक पहचान महत्वपूर्ण है.
इलाज के उपाय
संवहनी रोगों के उपचार के विकल्पों में जीवनशैली में बदलाव, दवाएं और चिकित्सा प्रक्रियाएं शामिल हैं. डॉक्टरों ने मरीजों को स्वस्थ आहार लेने, नियमित व्यायाम करने और मधुमेह तथा उच्च रक्तचाप जैसी स्थितियों का प्रबंधन करने की सलाह दी है. एंटीप्लेटलेट एजेंट और एंटीकोएगुलेंट्स जैसी दवाएं जटिलताओं को कम करने में मदद करती हैं. विशेष रूप से बच्चों के मामले में सामान्य रक्त प्रवाह को बहाल करने और अंग क्षति को रोकने के लिए गुर्दे की धमनी स्टेनोसिस जैसे सर्जिकल हस्तक्षेप महत्वपूर्ण हैं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.