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नई दिल्ली: प्रेग्नेंसी (Pregnancy) किसी भी महिला के लिए सबसे स्पेशल समय होता है. इन 9 महीनों के दौरान गर्भवती महिला (Pregnant Lady) अपने खाने-पीने से लेकर उठने-बैठने, चलने-फिरने हर चीज का बहुत ज्यादा ध्यान रखती है ताकि गर्भ में पल रहे बच्चे को किसी तरह का कोई नुकसान न हो. प्रेग्नेंसी के दौरान भरपूर आराम करना भी जरूरी है. लेकिन यह भी उतना ही सच है कि प्रेग्नेंट लेडी जितना फिजिकली एक्टिव रहती है उसे पीठ और कमर में दर्द (Back Pain) की समस्या कम होती है, एनर्जी महसूस होती है और डिलीवरी (Delivery) में भी कोई दिक्कत नहीं आती. प्रेग्नेंसी के दौरान किस तरह की एक्सरसाइज को सेफ माना जाता है, जानने के लिए आगे पढ़ें.
अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्स्टेट्रिशन्स एंड गाइनैकॉलजिस्ट्स की मानें तो प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सरसाइज करने के ढेरों फायदे हैं:
-प्रीटर्म बर्थ यानी समय से पहले बच्चे की डिलीवरी का खतरा कम हो जाता है
-सिजेरियन (cesarean) यानी ऑपरेशन से बच्चे का जन्म होने का रिस्क भी कम हो जाता है
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-प्रेग्नेंसी के दौरान जरूरत से ज्यादा वजन नहीं बढ़ता
-प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज (Diabetes) या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं होती
-जन्म के वक्त बच्चे का वजन कम होने की भी समस्या नहीं होती
इन सारे फायदों के अलावा भी प्रेग्नेंसी के दौरान एक्सरसाइज करने से स्ट्रेस कम होता है जिससे डिलीवरी के बाद पोस्टपार्टम डिप्रेशन होने का खतरा कम रहता है.
1-3 महीने के बीच करें कौन सी एक्सरसाइज
अगर आपकी प्रेग्नेंसी में कोई जटिलता नहीं है और आप हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी (High risk Pregnancy) कैटेगरी में नहीं आतीं तो आप अपनी रेग्युलर एक्सरसाइज इन शुरुआती 3 महीनों में करना जारी रख सकती हैं. हफ्ते में 150 मिनट कार्डियो एक्टिविटी और 2 से 3 दिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाइज करें. आप चाहें तो पेल्विक कर्ल, पेल्विक ब्रेस, बाइसेप कर्ल्स और स्क्वॉट्स कर सकती हैं.
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3-6 महीने के लिए एक्सरसाइज
इस दौरान आपका गर्भाशय बढ़ रहा होता है इसलिए फिजिकल एक्टिविटी करने के दौरान इस बात का ध्यान रखें. इस दौरान जंप करना, दौड़ना या बैलेंस से जुड़ी कोई भी गतिविधि न करें. दूसरी तिमाही में आप चाहें तो इन्क्लाइन पुशअप, क्वॉड्रिसेप स्ट्रेच, एक करवट लेकर पैरों को ऊपर उठाने वाली एक्सरसाइज, मर्मेड स्ट्रेच आदि कर सकती हैं.
6-9 महीने के लिए एक्सरसाइज
इस समय आपका शरीर लेबर और डिलीवरी के तैयार हो रहा होता है इसलिए इस दौरान सावधानी बरतना बेहद जरूरी है. इन महीनों में आप वॉकिंग, स्वीमिंग, योग, पिलाटेज, पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज जैसी गतिविधियां आराम से कर सकती हैं.
हालांकि किसी भी तरह की एक्सरसाइज शुरू करने से पहले अपनी डॉक्टर से सलाह जरूर लें और किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही एक्सरसाइज करें.
(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)