इस टेस्ट के जरिए फेफड़ों को 3डी इमेज में देखा जाता है. इससे फेंफड़ों का इंफेक्शन जल्दी पता चल जाता है.
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कोरोना महामारी की दूसरी लहर का लोगों में जबर्दस्त खौफ है. यही नहीं इस लहर के शिकार लोगों की संख्या इतनी ज्यादा है कि जांच से लेकर इलाज तक कोई भी चीज आसानी से नहीं मिल रही है. जांच से लेकर इलाज तक में आम लोगों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच कोरोना जांच में सीटी स्कैन भी काफी जोर-शोर से इस्तेमाल हो रहा है. आइए जानते हैं कि सीटी स्कैन होता क्या है और ये कोरोना जांच में कितना इफेक्टिव होता है.
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क्या होता है सीटी स्कैन (CT Scan) और कैसे काम करता है?
सीटी स्कैन (CT Scan) का मतलब है किसी भी चीज को छोटे-छोटे सेक्शन में काटकर उसका अध्ययन करना. कोविड टेस्ट में डॉक्टर जो सीटी स्कैन कराते हैं, वो है एचआरसीटी चेस्ट यानी सीने का हाई रिजोल्यूशन कंप्यूटराइज्ड टोमोग्राफी स्कैन. इस टेस्ट के जरिए फेफड़ों को 3डी इमेज (3D Image) में देखा जाता है. इससे फेंफड़ों का इंफेक्शन जल्दी पता चल जाता है. जो आपको बहुत बारीक डिटेल्स भी बताती है. इससे ये पता चल जाता है कि क्या फेफड़ों (Lungs) में किसी तरह का कोई इन्फेक्शन है?
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सीटी स्कैन के नुकसान
हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि बिना डॉक्टर की सलाह के सीटी स्कैन कराने न जाएं या बिना लक्षणों के भी इसे बिल्कुल न कराएं.यही नहीं कोरोना संक्रमण के दूसरे या तीसरे दिन भी इसे नहीं कराना चाहिए. जब तक डॉक्टर सलाह न दें. ये शरीर के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है.
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