क्या होता है CT Scan ? सेहत पर कैसे होता है असर, आसान शब्दों में जानिए यहां
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क्या होता है CT Scan ? सेहत पर कैसे होता है असर, आसान शब्दों में जानिए यहां

 इस टेस्ट के जरिए फेफड़ों को 3डी इमेज में देखा जाता है. इससे फेंफड़ों का इंफेक्शन जल्दी पता चल जाता है.

क्या होता है CT Scan ? सेहत पर कैसे होता है असर, आसान शब्दों में जानिए यहां

कोरोना महामारी की दूसरी लहर का लोगों में जबर्दस्‍त खौफ है. यही नहीं इस लहर के श‍िकार लोगों की संख्‍या इतनी ज्‍यादा है कि जांच से लेकर इलाज तक कोई भी चीज आसानी से नहीं मिल रही है. जांच से लेकर इलाज तक में आम लोगों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच कोरोना जांच में सीटी स्कैन भी काफी जोर-शोर से इस्तेमाल हो रहा है. आइए जानते हैं कि सीटी स्कैन होता क्या है और ये कोरोना जांच में कितना इफेक्टिव होता है. 

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क्या होता है सीटी स्कैन (CT Scan) और कैसे काम करता है?
सीटी स्कैन (CT Scan) का मतलब है किसी भी चीज को छोटे-छोटे सेक्शन में काटकर उसका अध्ययन करना. कोविड टेस्ट में डॉक्टर जो सीटी स्कैन कराते हैं, वो है एचआरसीटी चेस्ट यानी सीने का हाई रिजोल्यूशन कंप्यूटराइज्ड टोमोग्राफी स्कैन. इस टेस्ट के जरिए फेफड़ों को 3डी इमेज (3D Image) में देखा जाता है. इससे फेंफड़ों का इंफेक्शन जल्दी पता चल जाता है. जो आपको बहुत बारीक डिटेल्स भी बताती है. इससे ये पता चल जाता है कि क्या फेफड़ों (Lungs) में किसी तरह का कोई इन्फेक्शन है? 

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सीटी स्कैन के नुकसान

  • सीटी स्कैन करते समय लैब में तमाम तरह की जांच होती हैं. इन जांचों से रेडिएशन निकलता है जो कि मरीज की सेहत के लिए खराब साबित हो सकता है. 
  • कभी-कभी सीटी स्कैन करने पर ये रेडिएशन शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित कर सकता है.
  • सीटी स्कैन करवाने से किडनी में भी समस्या हो सकती है. अगर सीटी स्कैन करवाने से पहले ही किडनी की कोई समस्या है, तो ये बात अपने डॉक्टर को जरूर बताएं.
  • अगर आपको डायबिटीज के मरीज हैं और आपकी दवा चल रही है तो आपको सीटी स्कैन करवाने से पहले या बाद में अपनी दवा को बंद कर देना चाहिए. इस बारे में आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
  • बच्चों का सीटी स्कैन कराते वक्त खास ख्याल रखना चाहिए. बार-बार सीटी स्कैन कराने से बच्चों का शारीरिक विकास प्रभावित हो सकता है.
  • कुछ लोगों को सीटी स्कैन करवाने के बाद एलर्जी हो जाती है. ज्यादातर समय यह प्रतिक्रिया हल्की होती है. 

हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि ब‍िना डॉक्‍टर की सलाह के सीटी स्‍कैन कराने न जाएं या बि‍ना लक्षणों के भी इसे बिल्कुल न कराएं.यही नहीं कोरोना संक्रमण के दूसरे या तीसरे दिन भी इसे नहीं कराना चाहिए. जब तक डॉक्‍टर सलाह न दें. ये शरीर के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. 

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