दिल्ली के सबसे बड़े आयुर्वेदिक अस्पताल ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में हार्ट अटैक के शिकार हुए एक मरीज का इलाज केवल दवा और थेरेपी के जरिए किया गया है, जिसके बाद वह पूरी तरह ठीक हो गया.
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दिल्ली के सबसे बड़े आयुर्वेदिक अस्पताल ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में हार्ट अटैक के शिकार हुए एक मरीज का इलाज केवल दवा और थेरेपी के जरिए किया गया है. हैरानी की बात यह है कि मरीज की आर्टरी (नस) 90% से ज्यादा ब्लॉक थी, जो इलाज के बाद सिर्फ 5% तक ही रह गई. आयुर्वेद के इलाज से आज मरीज पूरी तरह ठीक हो गया है.
दिल्ली के जैतपुर के रहने वाले अवधेश कुमार (उम्र 50 वर्ष) को 12 नवंबर 2022 को हार्ट अटैक पड़ा. उनके परिवार वाले उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले गए, जहां 15 दिनों तक उनका इलाज चला. एंजियोग्राफी के बाद डॉक्टर ने दो स्टेंट डालने की सलाह दी. लेकिन इलाज का यह खर्च अवधेश कुमार के बस से बाहर था वह अधूरा इलाज छोड़कर लौट आए.
फिर बिगड़ी तबीयत
कुछ दिनों बाद फिर से शिकायत बढ़ने पर यह दिल्ली के बदरपुर में बने हुए ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में पहुंचे. वहां फिर से एंजियोग्राफी करने पर 90 प्रतिशत से ज्यादा ब्लॉकेज पाई गई. अवधेश कुमार को अस्पताल में भर्ती किया गया. पंचकर्म चिकित्सा (आयुर्वेद शास्त्र में बताया गया एक विशेष मेडिकल प्रैक्टिस है, जो दोषों को शरीर से बाहर निकाल कर बीमारी को जड़ से खत्म करती है) के जरिए उन्हें थेरेपी दी गई और साथ में आयुर्वेदिक दवाएं चालू की गई. इसके बाद 3 महीने तक उन्हें घर पर आयुर्वेदिक दवाई दी गई. अस्पताल में आने पर दोबारा एंजियोग्राफी की गई तो इस बार ब्लॉकेज 5% से भी कम पाई गई.
एक्सपर्ट की राय
अस्पताल में आयुर्वेद की प्रोफेसर डॉक्टर दिव्या कजारिया ने अवधेश कुमार का इलाज किया. वैद्य दिव्या कजारिया का दावा है कि आयुर्वेद की विधि से 100% ब्लॉकेज वाले मरीज का भी इलाज किया गया है, उस मरीज के नतीजे जल्द ही सामने ले जाएंगे. डॉ. दिव्या के मुताबिक एंजियोग्राफी के जरिए हम यह साबित कर पा रहे हैं कि आयुर्वेद से हार्ट अटैक के मरीजों को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है. ज्यादातर आयुर्वेदिक एक्सपर्ट एंजियोग्राफी जैसे टेस्ट नहीं करवाते, इसीलिए इस तरीके को पुख्ता से सामने नहीं रख पाते. लेकिन हम एक स्टडी कर रहे हैं जिसके जरिए हम वैज्ञानिक तरीके से यह साबित कर पाएंगे कि आयुर्वेदिक इलाज से मुश्किल से मुश्किल बीमारियां पूरी तरह ठीक की जा सकती है.