Hormonal Acne In Women: महिलाओं को आजकल हार्मोनल एक्ने की समस्या बहुत अधिक हो रही है. इसके लिए बहुत बार उन्हें शर्मिंदा भी होना पड़ता है, क्योंकि ये देखने में बहुत खराब लगते हैं.
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Hormonal Acne In Women: आजकल एक्ने की समस्या ने लोगों को उलझन में डाल दिया है. इससे छुटकारा पाने के लिए कोई डॉक्टर की अधिक फीस भर रहा है, तो कोई तरह-तरह के केमिकल प्रोडक्ट्स इस्तेमाल कर रहा है. बता दें, ये चेहरे पर देखने में जितने बुरे लगते हैं, उससे कहीं ज्यादा ये दर्द भी देते हैं. एक्ने कई प्रकार के होते हैं, जैसे टीनएज एक्ने, हार्मोनल एक्ने, मेनोपॉज एक्ने और डैंड्रफ से संबंधित एक्ने आदि. इनमें से हार्मोनल एक्ने की समस्या महिलाओं को ही नहीं बल्कि पुरुषों को भी सता रही है. आइये जानते हैं आखिर हार्मोनल एक्ने क्या है और इसके होने की वजह क्या है. साथ ही जानेंगे इसके उपाय...
क्या है हॉर्मोनल एक्ने (Hormonal Acne)
सभी प्रकार के एक्ने में हॉर्मोनल एक्ने काफी कॉमन है. ये हार्मोनल चेंजेज के कारण होता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि हार्मोनल एक्ने शरीर में हार्मोन्स के उतार-चढ़ाव से लेकर ब्रेकआउट होने के कारण होते हैं. आमतौर पर ये समस्या टीनएज के दौरान ही उत्पन्न होती है. लेकिन ये महिलाओं में अधिक उम्र में होने वाले हार्मोनल चेंजेज, मेनोपॉज और प्रेग्नेंसी में भी उभर सकते हैं. इस समस्या में महिलाओं को अधिकतर 20 से 30 वर्ष की आयु में चेहरे पर मुहांसे होते हैं. हालांकि, पुरुषों में भी इसी उम्र में ये समस्या देखी जा सकती है.
हॉर्मोनल एक्ने के कारण
हॉर्मोनल एक्ने होने का सबसे बड़ा कारण है गड़बड़ लाइफस्टाइल. सही समय पर न सोना, सही समय पर न उठना, खाने में अधिक चिकनाई वाली चीजें खाना, व्यायाम न करना आदि इसके कारण हो सकते हैं. हार्मोनल एक्ने होने का एक कारण एन्ड्रोजेनिक लेवल में बदलाव से ऑयल ग्लैंड से अधिक तेल निकलना भी हो सकता है. टीनएज में अनियमित पीरियड्स की समस्या भी इसके लिए जिम्मेदार है. कई बार गर्भनिरोधक गोलियों के अधिक सेवन से भी एन्ड्रोजेनिक लेवल में बदलाव हो सकता है जिससे हार्मोनल एक्ने होने लगते हैं.
जानें लक्षण
1. गालों और जॉलाइन के आसपास मुहांसे
2. ब्लैकहेड्स, व्हाइटहेड्स या सिस्ट
3. ऑयली स्किन
4. सूजन
5. संवेदनशीलता
इस तरह करें हार्मोनल एक्ने का उपाय
– गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने से बचें.
– स्किन को हमेशा क्लीन रखें.
– ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं
– हेल्दी डाइट मेंटेन करें.
– रोजाना योग और एक्सरसाइज करें.
– केमिकल प्रोडक्ट का प्रयोग कम करें.
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