Viral Fever Symptoms: बदलते मौसम में वायरल फीवर होना आम बात है, लेकिन इसको लेकर सतर्कता बरतनी भी जरूरी है वरना आप बेवजह खतरा मोल लेने का काम करेंगे. इसके लक्षण को पहचानें और फिर तुरंत इलाज कराएं.
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Viral Fever Cure: भारत में कई हिस्सों में वेदर चेंजेज देखने को मिल रहे है. बदलते मौसम में हमें काफी सतर्क रहना चाहिए क्योंकि ऐसे में संक्रमण का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है और हम बीमारियों के शिकार हो जाते हैं. ऐसी ही एक डिजीज है वायरल फीवर जिसके चपेट में काफी लोग आ रहे हैं. तापमान में बार-बार बदलाव भी इसके पीछे की एक बड़ी वजह है. इसे नॉर्मल बुखार समझकर हल्के में न लें, क्योंकि आप अगर लापरवाही बरतेंगे तो कम से कम एक हफ्ते या इससे ज्यादा वक्त के लिए बेड रेस्ट पर जाना पड़ सकता है.
वायरल फीवर को कैसे पहचानें?
बदलते मौसम में वायरल फीवर होना कोई बड़ी बात नहीं, लेकिन ये तेजी से फैलता है. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि बरसात के मौसम में इंफेक्शन का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है और आसपास के लोग भी इससे प्रभावित हो जाते हैं. वायरल फीवड़ होने पर आपको सिर में दर्द, बुखार और गले में दर्द की शिकायत होती है. इसके अलावा आप गौर करेंगे कि मुंह का स्वाद बदल जाता है, जिसकी वजह से भोजन और पानी फीका लगने लगता है और भूख कम हो जाती है.
उल्टी और दस्त की शिकायत
वायरल फीवर के दौरान बॉडी टेम्प्रेचर तेजी से अप एंड डाउन हो सकता है. अक्सर खांसी, आंख से पानी, पेट की गड़बड़ी, उल्टी और दस्त जैसी परेशानियां पेश आती है. कई बार रोगियों को पेट में तेज दर्द उठता है. ये एक ऐसा बुखार है जो एक दिन में ठीक नहीं होता इसके लिए कम से कम 7 दिन या इससे ज्यादा का वक्त लगता है. इस दौरान आपको ज्यादा से ज्यादा नींद लेने और आराम करने की जरूरत होती है.
डॉक्टर से संपर्क करें
वायरल फीवर में जरा सी लापरवाही आपकी तबीयत को बिगाड़ सकती है, इससे बचने के लिए जरूरी है कि थोड़े से बुखार में डॉक्टर के पास जाएं और जरूरी टेस्ट कराएं ताकि बीमारी का सही पता लग जाए. खुद से दवाई का सेवन करना खतरे को दावत दे सकता है.
बिलकुल भी न घबराएं
वायरल फीवर के दौरान मरीजों को घबराने के बजाए सावधानी से इसके उपाय करने चाहिए. डॉक्टर ने जो दवाइयां खाने की सलाह दी उसे नियमित तौर पर लेते रहे हैं. कुछ घरेलू उपायों के जरिए आप इस तरह के बुखार में राहत पा सकते हैं. इसके लिए हर्बल टी का सहारा लिया जा सकता है, जिसमें अदरक की चाय, तुलसी के पत्ते, लौंग या काली मिर्च का काढ़ा आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं.
Disclaimer: प्रिय पाठक, संबंधित लेख पाठक की जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए है. जी मीडिया इस लेख में प्रदत्त जानकारी और सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित समस्या के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.