पाकिस्तान का मरीज, भारतीय डॉक्टर और श्रीलंका में ऑपरेशन, ब्लाइंड पेशेंट को मिली आंखों की रोशनी
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पाकिस्तान का मरीज, भारतीय डॉक्टर और श्रीलंका में ऑपरेशन, ब्लाइंड पेशेंट को मिली आंखों की रोशनी

पाकिस्तान के एक नागरिक की आंखों की रोशनी चली गई, वो इलाज के लिए इंडिया का वीजा हासिल नहीं पाए. ऐसे में भारतीय डॉक्टर ने श्रीलंका जाकर इस पेशेंट का ऑपरेशन किया और आंखों की रोशनी कुछ हद तक वापस आ गई. 

पाकिस्तान का मरीज, भारतीय डॉक्टर और श्रीलंका में ऑपरेशन, ब्लाइंड पेशेंट को मिली आंखों की रोशनी

Pakistan Patient Eye Operation in Sri Lanka By Indian Doctor: एक डॉक्टर के लिए मरीज की सेहत कितनी अहम होती है, इसकी मिसाल हाल में ही देखने को मिली. जो स्टूडेंट एमबीबीएस की डिग्री लेते हैं, उनको ये शपथ भी लेनी पड़ती है कि पेशेंट की हेल्थ उनकी सबसे बड़ी प्रायोरिटी होगी, वो जिसका इलाज करेंगे उनका मजहब, राष्ट्रीयता, नस्ल, राजनीतिक विचारधारा जैसे बैकग्राउंड न देखते हुए सिर्फ अपना फर्ज निभाएंगे. मुंबई के एक डॉक्टर ने भी वैसा ही किया जिसकी उन्हें तालीम दी गई थी.

डॉ. कुरैश ने कायम की मिसाल 

मुंबई (Mumbai) के आई सर्जन डॉ. कुरैश मस्कती (Dr Quresh Maskati) ने श्रीलंका (Sri Lanka) जाकर पाकिस्तान (Pakistan) के नागरिक के आंखों का ऑपरेशन किया. ऐसी स्थित इसलिए आई क्योंकि लाहौर (Lahore) के रहने वाले दृष्टिहीन मरीज को ट्रीटमेंट के लिए भारत का वीजा मिलने में दिक्कतें आ रहीं थीं. डॉ. मस्कती ने सितंबर महीने की शुरुआत में कोलंबो जाने का फैसला किया और फिर लोकल सर्जन के सपोर्ट से पशेंट की पार्शियल विजन वापस लाने में कामयाब रहे. आंखों की रोशनी न रहने की वजह से मरीज ने 4 साल से अपने परिवार वालों का चेहरा नहीं देखा था.

श्रीलंका के सर्जन का मिला सपोर्ट

डॉ. कुरैश मस्कती ने 13 सितंबर को ये ऑपरेशन कोलंबो में किया जिसमें श्रीलंका के सर्जन डॉ. कुसुम रथनायके (Dr Kusum Rathnayake) भी शामिल रहे. डॉ. मस्कती ने टाइम्स ऑफ इंडिया को कहा,  "चूंकि मुझे एक कॉन्फ्रेंस के लिए कोलंबो जाना था, इसलिए मैंने वहां मरीज के ऑपरेशन के लिए लाइसेंस के लिए श्रीलंका मेडिकल काउंसिल से संपर्क किया और वो इसके लिए सहमत हो गए"

'परिवार को 4 साल बाद देख पाए'

24 सितंबर को ये मरीज अपने वतन पाकिस्तान वापस लौट गए उन्होंने टीओआई को बताया कि वो 4 साल में पहली बार अपनी 7 साल की बेटी सहित अपने परिवार को देख सकते हैं. 30 साल के पेशेंट ने बताया  "जब घर अटारी की सफाई हो रही थी तब एल्कलाइन सॉल्यूशन की एक बोतल टूट गई और इसका कंटेंट मेरे सिर और चेहरे पर गिर गया." उनकी दाहिनी आंख पूरी तरह से डैमेज हो गया था, और आई स्पेशलिस्ट ने उनकी बाईं आंख पर दो बार कॉर्नियल ट्रांसप्लांट किया लेकिन दोनों कोशिशें नाकाम रहीं.

आर्टिफिशियल कॉर्निया से वापस मिली रोशनी

डॉ. कुरैश मस्कती ने कहा, "उनकी आखिरी उम्मीद आर्टिफिशियल कॉर्निया थी, ऐसे में लोकल डॉक्टर ने मुझसे संपर्क किया." डॉ. मस्कती जब एक कॉन्फ्रेंस के लिए पाकिस्तान गए तब उन्होंने महसूस किया कि आर्टिफिशियल कॉर्निया काम कर जाएगा. श्रीलंका में इस ऑपरेशन के 48 घंटे के भीतर पशेंट का पार्शियल विजन वापस आ गया.

क्या है आर्टिफिशियल कॉर्निया?

आर्टिफिशियल कॉर्निया (Artificial Corneas) को केराटोप्रोस्थेसिस (Keratoprosthesis) भी कहा जाता है, इस ट्रीटमेंट का सहारा तब लिया जाता है जब नेचुरल कॉर्निया ट्रांसप्लांट एक अच्छा ऑप्शन नहीं होता. इस प्रॉसेस में डोनर की आंख से नेचुरल कॉर्निया टिश्यू को टांके लगा करके दाग वाले कॉर्निया को रिप्लेस किया जाता है, या कई टांके रहित प्रक्रियाओं में से किसी एक का इस्तेमाल करके कॉर्निया की एक खास परत को रिपलेस किया जाता है. इसके जरिए पार्शियल विजन वापस आने की काफी उम्मीद रहती है.

 

(Disclaimer:प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मक़सद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.)

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