कोरोना वायस की वैक्सीन (Coronavirus Vaccicne) को लेकर रूस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने ऐलान किया है कि उनके देश ने कोरोना वायरस की वैक्सीन बना ली है और उसे रजिस्टर्ड भी करा लिया गया है.
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नई दिल्ली: कोरोना वायस की वैक्सीन (Coronavirus Vaccicne) को लेकर रूस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने ऐलान किया है कि उनके देश ने कोरोना वायरस की वैक्सीन बना ली है और उसे रजिस्टर्ड भी करा लिया गया है. कोरोना वैक्सीन रजिस्टर्ड कराने वाला रूस दुनिया का पहला देश बन गया है. लेकिन अब भी लोगों के इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा. कोरोना के संक्रमण को कम करने के लिए वैसे तो कई तरह के घरेलू उपचार उपलब्ध है. लेकिन हाल ही में एक स्टडी के दौरान यह पता चला है कि बाजार में उपलब्ध माउथवॉश (Mouthwash) से गरारा करने पर मुंह और गले में मौजूद कोरोना वायरस की संख्या घट सकती है.
जर्मनी की Ruhr University Bochum के वैज्ञानिकों ने अन्य रिसर्चर्स के साथ मिलकर माउथवॉश के उपयोग और कोरोनावायरस को लेकर स्टडी (Study) की है. इस स्टडी में के हिसाब से मॉउथवॉश के इस्तेमाल से शरीर में कोरोना खत्म होने का दावा नहीं किया गया है. इस मामले में वैज्ञानिक कहते हैं कि, कोरोना मरीजों के मुंह और गले में काफी मात्रा में वायरस उपलब्ध होता है. ऐसे में माउथवॉश इन वायरस के कण को कम करता है. जर्नल ऑफ इन्फेक्शन डिजीज (Journal of Infectious Diseases) में यह स्टडी में प्रकाशित की गई है.
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वैज्ञानिकों ने साथ ही ये चेतावनी भी दी है कि माउथवॉश कोरोना संक्रमण के लिए उपयुक्त ट्रीटमेंट नहीं है और ना ही माउथवॉश संक्रमण को पूरी तरह रोकता है. स्टडी में कहा गया है कि मुख्य रूप से संक्रमण, संक्रमित व्यक्ति की सांस से छोड़े गए वायरस के कण के संपर्क में आने की वजह से होता है. इसलिए हो सकता है कि माउथवॉश से गरारा करने के बाद इस तरह से संक्रमण की आशंका कम हो जाए.
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