mRNA Covid vaccine trial: भारत को जल्द ही स्वदेशी वैक्सीन मिल सकती है. इसका ट्रायल नागपुर स्थित मेडिट्रिना इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में किया जा रहा है.
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mRNA Covid vaccine trial (नागपुर) : कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में भारत को जल्द एक और हथियार मिलने वाला है. कोविशील्ड, कोवैक्सीन स्पुतनिक V और मॉडर्ना के बाद जल्द ही देश को एक और नई वैक्सीन मिल सकती है. जिसका ट्रायल फिलहाल नागपुर स्थित मेडिट्रिना इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में किया जा रहा है.
COVAXIN बाल चिकित्सा वैक्सीन नैदानिक के सफल परीक्षण के बाद मेडिट्रिना इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज को mRNA COVID वैक्सीन के परीक्षण की जिम्मेदारी मिली है. इसका अध्ययन भारत में दूसरे चरण में लगभग 10-15 स्थलों, जबकि तीसरे चरण में 22-27 जगहों पर किया जाएगा.
डीसीजीआई से मिल गया है एनओसी
दरअसल, जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स लिमिटेड, पुणे (Gennova Biopharmaceuticals Ltd) ने एक नई एमआरएनए-आधारित वैक्सीन 'एचजीसीओ19' विकसित की है. इसके दूसरे फेज के ट्रायल के लिए डीसीजीआई (Drugs Controller General of India) से एनओसी (No Objection Certificate) भी मिल चुका है.
आपको बता दें कि कोरोना के खिलाफ फाइजर/बायोएनटेक और मॉडर्न ने वैक्सीन तैयार की हैं, वो भी एमआरएनए प्लेटफॉर्म आधारित टीके हैं. अगर इसका ट्रायल सफल होता है तो ये अपनी हाई क्वालिटी के कारण कोरोना के खिलाफ जारी जंग में कारगर साबित हो सकती है.
दूसरे और तीसरे चरण में होगा ट्रायल
एमआरएनए-आधारित वैक्सीन का ट्रायल दो चरणों में पूरा किया जाएगा. दूसरे चरण में जहां 400 स्वस्थ वॉलिंटियर शामिल होंगे, वहीं तीसरे चरण में 4000 स्वस्थ वॉलिंटियर्स का नामांकन किया जाना है.
ट्रायल के दूसरे चरण में एक वॉलिंटियर्स को रैंडम वैक्सीन यानी कोविशील्ड का डोज दिया जाएगा, जबकि दूसरे को ट्रायल की जा रही वैक्सीन का डोज दिया जाएगा. वहीं तीसरे चरण में 3 लोगों को रैंडम वैक्सीन की खुराक दी जाएगी, जबकि एक को ट्रायल वैक्सीन का डोज दिया जाएगा और उसके बाद जो नतीजों की जांच की जाएगी.
फिलहाल दूसरे चरण का ट्रायल शुरू हो गया है, जबकि नामांकन डेटा सुरक्षा निगरानी बोर्ड की बैठक और मंजूरी के बाद अगले 2-3 दिनों में तीसरे चरण का ट्रायल शुरू होगा.
लोगों से की ये अपील
मेडिट्रिना इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के डॉयरेक्टर डॉ. समीर पलतेवार ने 18-80 वर्ष के नागपुरवासियों से आग्रह किया कि जिन्होंने मॉडर्न/फाइजर वैक्सीन के इंतजार में किसी भी वैक्सीन की एक भी खुराक नहीं ली है, वे आगे आएं और वैक्सीन स्वयंसेवक बनें और राष्ट्र के लिए योगदान दें. दूसरी खुराक पूरी होने के बाद सभी लोगों को भागीदारी का प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा.
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