4 साल के लियो को नाक में इंफेक्शन होने के बाद जब तेज बुखार हो गया और दौरे पड़ने लगे तो उसकी मां जेमा उसे लेकर तुरंत स्वानजी के मॉरिस्टन हॉस्पिटल पहुंची लेकिन अस्पताल के लोगों ने जेमा से कहा कि उसे घर वापस जाना चाहिए और बच्चे को कैलोपोल की गोली देनी चाहिए.
(सभी तस्वीरें साभार: mirror.co.uk)
दो दिन बाद जब लियो की तबीयत और ज्यादा बिगड़ गई तो जेमा उसे लेकर फिर से अस्पताल पहुंची. लेकिन तब तक देर हो चुकी थी. लियो को सेप्सिस हो गया था और सेप्टिक शॉक और कार्डिएक अरेस्ट की वजह से उसकी मौत हो गई.
लियो को बचपन से ही कई बीमारियां थीं. पैदा होने के एक दिन बाद ही लियो की ओपन हार्ट सर्जरी की गई थी. लियो के शरीर में स्प्लीन नहीं था और बाद में उसे सेरेब्रल पाल्सी भी डायग्नोज हुआ था. 2 साल की उम्र में दोबारा लियो की हार्ट सर्जरी हुई और उसे पेसमेकर लगाया गया. लेकिन इतनी सारी बीमारियां होने के बाद भी लियो बेहद प्यारा और खुशमिजाज बच्चा था.
सेप्सिस को ब्लड पॉयजनिंग भी कहते हैं. यह एक ऐसा इंफेक्शन है जिसमें शरीर अपने ही ऑर्गन और टीशूज को नुकसान पहुंचाने लगता है. अगर समय रहते सेप्सिस का पता न चले तो यह जानलेवा साबित होता है. इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें:
-आवाज में लड़खड़ाहट होना क्योंकि ब्रेन में खून की सप्लाई में कमी होने लगती है.
-शरीर के किसी भी हिस्से में त्वचा का रंग उतर जाना या रंग फीका पड़ना.
-सांस लेने में दिक्कत महसूस होना क्योंकि ब्रेन तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता.
-शरीर का तापमान अचानक कम या ज्यादा होना
-मानसिक स्थिति में अचानक बदलाव आना
-प्लेटलेट्स कम होना
-हृदय में असमान्य रूप से पंपिंग होना और हार्ट बीट बढ़ जाना
-बहुत अधिक थकान महसूस होना
-पेशाब कम आना
(नोट: किसी भी उपाय को करने से पहले हमेशा किसी विशेषज्ञ या चिकित्सक से परामर्श करें. Zee News इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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