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Blood Pressure की दवा से होता है Cancer? जान लें क्या है सच्चाई

रक्तचाप की दवाओं और कैंसर के बीच एक संभावित लिंक को लेकर 40 वर्षों से बहस हो रही है.

अध्‍ययन

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अध्‍ययन

एंटीहाइपरटेन्सिव दवा की जांच करने के लिए इस अध्‍ययन (study) में सबसे अधिक प्रतिभागियों के रेंडम ट्रायल किए गए. इस लिहाज से यह इस विषय पर किया गया अब तक का सबसे बड़ा अध्ययन था. इसमें 2.6 लाख लोग शामिल हुए. इसके बाद सभी परीक्षणों के जांचकर्ताओं से जानकारी मांगी गई कि किन प्रतिभागियों में कैंसर विकसित हुआ.

एंटीहाइपरटेंसिव ड्रग

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एंटीहाइपरटेंसिव ड्रग

इस अध्‍ययन में पांच एंटीहाइपरटेंसिव ड्रग क्लासेस की अलग से जांच की गई, जिनमें  एंजियोटेनसिन-कनवर्टिंग एंजाइम (एसीई) इनहिबिटर, एंजियोटेंसिन II रिसेप्टर ब्लॉकर्स (एआरबी), बीटा-ब्लॉकर्स, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (सीसीबी) शामिल थीं. जांचकर्ताओं ने इनमें से प्रत्येक दवा लेने वाले लोगों में किसी भी प्रकार के कैंसर के विकसित होने या जोखिम होने को लेकर निगरानी की.  

कैंसर

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कैंसर

औसतन चार वर्षों के दौरान 15 हजार कैंसर डायग्‍नोस हुए लेकिन इनमें शोधकर्ताओं ने ऐसा कोई सबूत नहीं पाया कि किसी भी एंटीहाइपरटेंसिव ड्रग क्लास के इस्तेमाल से प्रतिभागियों में कैंसर का खतरा बढ़ा हो.

त्वचा के कैंसर

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त्वचा के कैंसर

इसी तरह इस बात का भी कोई सबूत नहीं था कि किसी भी प्रकार की एंटीहाइपरटेंसिव ड्रग का ब्रेस्‍ट, कोलोरेक्टल, फेफड़े, प्रोस्टेट या त्वचा के कैंसर के विकास की आशंका पर असर पड़ता है.

ट्रीटमेंट

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ट्रीटमेंट

इतना ही नहीं प्रतिभागियां का लंबे समय तक फॉलो-अप लेने पर भी ऐसा कोई संकेत नहीं मिला कि इन ट्रीटमेंट का लंबे समय तक उपयोग करने के बाद भी कैंसर का खतरा बढ़ा हो.

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