प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत जन औषधि केंद्र देश के कई हिस्सों में खोले गए थे जहां गरीब मरीजों के लिए सस्ती दवाएं मिलती हैं, आखिर इससे पेशेंट को कितना फायदा हुआ है.
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Pradhanmantri Jan Aushadhi Pariyojana Benefits: भारतीय जन औषधि परियोजना इस मकसद से शुरू की गई थी ताकि गरीब लोगों को कम दाम में जरूरी दवाएं मिल सके. इसी को लेकर सेंट्रल हेल्थ मिनिस्टर जेपी नड्डा ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि ये प्रोजेक्ट की उपलब्धि बताई. उनके मुताबिक किफायती दामों में बेची जाने वाली दवाओं और चिकित्सा उपकरणों से लोगों को अब तक 28,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बचत हुई है.
जन औषधि परियोजना से फायदा
जेपी नड्डा ने बताया कि देश भर में जन औषधि केंद्रों के जरिए 1,965 दवाएं और 235 मेडिकल इक्विपमेंट बेचे जाते हैं और ये इन सेंटर्स पर 52 से 80 फीसदी तक की रियायती कीमत पर मिलती हैं. क्वेश्चन आवर के दौरान नड्डा ने एक पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि जन औषधि केंद्रों पर कीमतों में कमी के कारण मरीज अब तक 28,000 करोड़ रुपये बचाने में कामयाब रहे हैं.
जन औषधि केंद्र में मिलती हैं सस्ती दवाएं
स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक इलाज के लिए किफायती दवाएं और विश्वसनीय प्रतिरोपण (अमृत) योजना के तहत दवाएं और मेडिकल इक्विपमेंट खरीदने के बाद मरीजों ने 24,273 करोड़ रुपये की बचत की है. प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना औषधि विभाग द्वारा जन औषधि केंद्र नामक खास दुकानों के जरिए सस्ती कीमत पर अच्छी क्वालिटी वाली जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई एक योजना है.
साल 2015 में शुरू हुआ था प्रोजेक्ट
इस योजना का मकसद सस्ती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं प्रदान करके देश के हर नागरिक के हेल्थ केयर बजट को कम करना है. साल 2015 में शुरू की गई, ‘अमृत’ योजना जनता को काफी ज्यादा रियायती दरों पर कैंसर और हार्ट डिजीज जैसी गंभीर बीमारियों सहित कई परेशानियों के लिए दवाएं उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक प्रमुख योजना है.
(इनपुट-भाषा)