यह अध्ययन पीडिएट्रिक्स पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.
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लंदन: माता पिता के लिए सचेत होने वाली खबर है कि रात में पर्याप्त नींद नहीं लेने वाले बच्चों को टाइप 2 मधुमेह होने का खतरा अधिक होता है. ब्रिटेन में लंदन की सेंट जॉर्जेज यूनिवर्सिटी में अनुसंधानकर्ताओं ने ब्रिटेन में नौ से 10 आयुवर्ग के विभिन्न जातियों के 4525 बच्चों के शारीरिक माप, उनके रक्त के नमूने और प्रश्नावली आंकड़ा एकत्र किया.
उन्होंने पाया कि जो बच्चे अधिक देर तक सोते हैं उनका वजन अपेक्षाकृत कम होता है. नींद के समय का इनसुलिन, इनसुलिन प्रतिरोधक और रक्त में ग्लुकोज के साथ विपरीत संबंध है यानी यदि नींद का समय अधिक होगा तो इनसुलिन, इनसुलिन प्रतिरोधक और रक्त में ग्लुकोज का स्तर कम होगा. ब्रिटेन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) 10 साल के बच्चे को 10 घंटे की नींद की सलाह देता है.
यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर क्रिस्टोफर जी ओवेन ने कहा, ‘‘इस रिपोर्ट से पता चलता है कि जीवन के शुरूआती वर्षों से नींद का समय बढ़ाने से शरीर की चर्बी और टाइप 2 मधुमेह का स्तर कम करने में मदद मिलती है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘बचपन में पर्याप्त नींद के संभावित लाभों का फायदा युवावस्था में स्वास्थ्य को मिल सकता है.’’ यह अध्ययन पीडिएट्रिक्स पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.