World Diabetes Day 2021: बच्चों में जन्म के समय ही डायबिटीज और एक जानलेवा बीमारी का खतरा उनके वजन से पता लगाया जा सकता है.
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World Diabetes Day 2021: मां से बच्चे को भी डायबिटीज की समस्या हो सकती है और यह समस्या बच्चे के भविष्य में कई अन्य हेल्थ प्रॉब्लम्स का कारण भी बन जाती है. लेकिन, हम शिशु के जन्म के वक्त ही उसके वजन से डायबिटीज के खतरे के बारे में जान सकते हैं और समय पर सही इलाज दे सकते हैं. इसके साथ ही, डिलीवरी के समय बच्चे का जन्म एक और खतरनाक व जानलेवा बीमारी का खतरा भी बता सकता है. आइए, 14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे 2021 के मौके पर हम नवजात शिशु में डायबिटीज का पता लगाने के बारे में जानते हैं.
सबसे पहले जानते हैं कि डायबिटीज क्या होती है?
Diabetes: डायबिटीज क्या होती है?
जेपी हॉस्पिटल के डायबिटीज और एंडोक्राइनोलॉजी डिपार्टमेंट की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. निधि मल्होत्रा के अनुसार, जब हमारा शरीर शुगर (ग्लूकोज) को कोशिकाओं द्वारा एनर्जी बनाने के लिए इस्तेमाल नहीं कर पाता है, तो डायबिटीज की समस्या हो जाती है. इसके कारण खून में ब्लड शुगर का लेवल बढ़ने लगता है. इस लेवल को कंट्रोल ना करने पर विभिन्न शारीरिक अंग और टिश्यू डैमेज हो सकते हैं. इसके गंभीर नतीजों में दिल, किडनी, आंखें और नसें डैमेज होना शामिल हैं.
Diabetes Symptoms: डायबिटीज के लक्षण
डॉ. निधि मल्होत्रा के मुताबिक, डायबिटीज के कारण निम्नलिखित लक्षण दिख सकते हैं. जैसे-
जेस्टेशनल डायबिटीज के जोखिम
डॉक्टर बताती हैं कि जब महिला में प्रेग्नेंसी के दौरान पहली बार डायबिटीज की समस्या होती है, जो उसे जेस्टेशनल डायबिटीज कहा जाता है. इससे डिलीवरी के बाद शिशु को भी डायबिटीज होने का खतरा हो सकता है. गर्भवती महिला और शिशु को निम्नलिखित जोखिम हो सकते हैं. जैसे-
गर्भवती महिला में- प्रीकलैंपशिया (हाई ब्लड प्रेशर, पेशाब में अत्यधिक प्रोटीन की मात्रा, पैर व हाथ में सूजन), सी-सेक्शन डिलीवरी का खतरा और भविष्य में टाइप-2 डायबिटीज का खतरा.
नवजात शिशु में- सामान्य से अधिक वजन होना, लो ब्लड शुगर (हाइपोग्लाइसेमिया), प्री-टर्म बर्थ, समय के साथ टाइप-2 डायबिटीज का खतरा.
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डॉ. निधि मल्होत्रा के मुताबिक, नवजात शिशु के शारीरिक वजन से भविष्य में डायबिटीज होने का खतरा पता लगाया जा सकता है. जैसे-
एक्सपर्ट के मुताबिक, जीवनशैली में तेजी से हो रहे बदलाव के कारण टाइप-2 डायबिटीज और मोटापे की समस्या नाटकीय रूप से बढ़ रही है. टाइप-2 डायबिटीज और मोटापा दोनों ही दिल के रोगों का खतरा भी बढ़ा देते हैं. इसलिए दिल की बीमारी से बचाव के लिए डॉक्टर्स डायबिटीज और मोटापे को कंट्रोल करने की सलाह देते हैं.
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क्या मीठा खाने से डायबिटीज होती है?
एक्सपर्ट डॉ. निधि मल्होत्रा कहती हैं कि मीठा सीधा डायबिटीज का कारण नहीं बनता है. बल्कि, शुगर वाले फूड्स खाने से वजन बढ़ता है, जो कि मधुमेह विकसित होने का कारण बन सकता है. रोजाना जरूरी मात्रा से ज्यादा शुगर खाने से अत्यधिक वजन के साथ कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है. एक्सपर्ट के मुताबिक, महिलाओं को प्रतिदिन 6 चम्मच यानी 25 ग्राम शुगर और पुरुषों को 9 चम्मच यानी 36 ग्राम शुगर का ही सेवन करना चाहिए.
डायबिटीज के विकास और इसे गंभीर बनाने में निम्नलिखित स्वास्थ्य समस्याएं मदद कर सकती हैं. जैसे-
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.