दुनिया भर में स्ट्रोक दूसरा सबसे बड़ा मौत का कारण और विकलांगता का तीसरा सबसे बड़ा कारण है. हालिया अध्ययनों से पता चलता है कि महिलाओं में कम उम्र में स्ट्रोक का खतरा पुरुषों के बराबर या ज्यादा होता है.
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दुनिया भर में स्ट्रोक दूसरा सबसे बड़ा मौत का कारण और विकलांगता का तीसरा सबसे बड़ा कारण है. हालिया अध्ययनों से पता चलता है कि महिलाओं में कम उम्र में स्ट्रोक का खतरा पुरुषों के बराबर या ज्यादा होता है, लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, स्ट्रोक का खतरा पुरुषों में ज्यादा तेजी से बढ़ता है.
स्ट्रोक (जिसे ब्रेन अटैक भी कहते हैं) एक जानलेवा स्थिति है, जो दुनिया भर में महिलाओं के लिए मौत का प्रमुख कारणों में से एक है. हालांकि पुरुषों को भी स्ट्रोक का खतरा होता है, लेकिन महिलाओं के लिए कुछ खास जोखिम कारक मौजूद हैं जिन पर ध्यान देना जरूरी है.
महिलाओं में ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण
- चेहरे, हाथ या पैर का सुन्न होना या कमजोरी
- बोलने में कठिनाई या समझने में परेशानी
- आंखों की रोशनी में अचानक कमी
- सिरदर्द जो अचानक और तेज होता है
- चक्कर आना और संतुलन खोना
महिलाओं में ब्रेन स्ट्रोक के रिस्क फैक्टर
हार्मोनल बदलाव
महिलाओं के जीवन में हार्मोनल बदलाव, जैसे कि पीरियड, प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज, स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकते हैं. एस्ट्रोजन का लेवल घटने से ब्लड वेसेल्स में सिकुड़न हो सकता है और खून के थक्के जमने की संभावना बढ़ सकती है.
प्रेग्नेंसी और प्रसव के दौरान कॉम्प्लिकेशन
प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड प्रेशर, प्रीक्लेम्पसिया और जेस्टेशनल डायबिटीज स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकते हैं. प्रसव के दौरान भी खून के थक्के जमने का खतरा अधिक होता है.
माइग्रेन
अध्ययनों से पता चला है कि माइग्रेन से पीड़ित महिलाओं को स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है. खासकर जब माइग्रेन के साथ आभा (दृष्टि में बदलाव) भी शामिल हो.
ऑटोइम्यून रोग
कुछ ऑटोइम्यून रोग, जैसे कि सिरदर्द, ल्यूपस और रूमेटाइड गठिया, ब्लड वेसेल्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकते हैं.
घरेलू हिंसा
दुर्भाग्य से, घरेलू हिंसा भी महिलाओं में स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकती है. शारीरिक हमले के कारण सिर और गर्दन में चोट लग सकती है, जिससे ब्लड वेसेल्स को नुकसान हो सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.