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नई दिल्ली : आधुनिक जीवनशैली कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रखना एक चुनौतीपूर्ण काम है. यदि कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित नहीं होता है तो कई तरह की बीमारियां होने का खतरा बना रहता है. इसकी वजह से आपको सेहत से जुड़ी कई परेशानियां हो सकती हैं. इसीलिए, अगर आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई है तो सबसे ज़रूरी चीज़ है उसे कंट्रोल करना. जहां डायट और एक्सरसाइज़ ही वह चीज़ें हैं जिसकी सलाह एक्सपर्ट्स सबसे पहले देते हैं, वहीं ध्यान से उन्हें मानना और फॉलो करना सबसे ज़रूरी है.
अगर आप हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित नहीं करते, तो इसकी वजह से अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल आपकी धमनियों में जमा हो जाता है और ब्लॉकेज का निर्माण होता है. यह न केवल सामान्य रक्त संचार में अड़चन डालता है बल्कि साथ ही यह मष्तिष्क, आंखों, दिल, किडनी और शरीर के निचले हिस्से के अंगों की कार्यप्रणाली में भी अड़चन डाल सकता है. साथ ही, अगर ब्लॉकेज 70% से अधिक हो, तो इस हिस्से में हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण मानी जानेवाली समस्याएं शुरू हो जाएंगी.
हार्ट अटैक का खतरा
अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल की वजह से हमारे दिल पर पड़नेवाले नुकसान से बचना भी काफी मुश्किल है. ऐसा इसलिए क्योंकि कोलेस्ट्रॉल दिल से शरीर के दूसरे हिस्सों में रक्त पहुंचानेवाली हमारी धमनियों और रक्त वाहिनियों में जमा हो जाता है. समय बीतने के साथ, यह धीरे-धीरे रक्त के संचार को प्रभावित कर दिल पर दबाव बनाता है और नतीजतन हार्ट अटैक होता है.
हो सकता है अंधापन
रक्त वाहिनियों में बहुत अधिक कोलेस्ट्रॉल के जमा होने आंखों की तरफ खून की सप्लाई या रक्त संचार बंद हो सकता है. इसकी वजह से धीरे-धीरे आपकी आंखों की रोशनी पूरी तरह से खत्म हो जाती है. इसीलिए, कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करना बहुत ज़रूरी है.
ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
अगर दिमाग की रक्त धमनियों में अगर बहुत अधिक कोलेस्ट्रॉल जमा हो जाता है तो इसमे कई शक नहीं कि इससे दिमाग में खून का बहाव प्रभावित होता है. परिणामस्वरूप, ब्रेन स्ट्रोक का ख़तरा पैदा होता है.
किडनी भी हो सकती है फेल
शरीर में बहुत अधिक कोलेस्ट्रॉल न केवल आपके रक्त संचार को प्रभावित करता है. बल्कि यह किडनी की कार्यक्षमता पर भी असर डालता है? ऐसा इसलिए क्योंकि, कोलेस्ट्रॉल रेनल धमनियों के कार्य में भी बाधा डालता है. इसकी वजह से किडनी की तरफ रक्त का संचार रुक जाता है और आपकी किडनियां कार्य नहीं कर पाती.