गांजा फूंकने वाले खुद को सेफ न समझें! नशे के साथ मुफ्त मिलता है इन बीमारियों का खतरा
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गांजा फूंकने वाले खुद को सेफ न समझें! नशे के साथ मुफ्त मिलता है इन बीमारियों का खतरा

गांजे को लेकर समाज में कई तरह की धारणाएं हैं. कुछ लोग इसे हानिरहित मानते हैं, जबकि कुछ इसे नुकसानदेह बताते हैं. अब एक नए अध्ययन ने गांजे के सेवन को लेकर एक और चेतावनी जारी की है. 

गांजा फूंकने वाले खुद को सेफ न समझें! नशे के साथ मुफ्त मिलता है इन बीमारियों का खतरा

गांजे को लेकर समाज में कई तरह की धारणाएं हैं. कुछ लोग इसे हानिरहित मानते हैं, जबकि कुछ इसे नुकसानदेह बताते हैं. अब एक नए अध्ययन ने गांजे के सेवन को लेकर एक और चेतावनी जारी की है. अध्ययन के अनुसार, नियमित रूप से गांजा सेवन करने वालों में सिर और गर्दन के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.

अमेरिका में हुए एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग नियमित रूप से गांजे का सेवन करते हैं, उनमें सिर और गर्दन के कैंसर होने की संभावना सामान्य लोगों की तुलना में तीन से पांच गुना अधिक होती है. इस अध्ययन में 20 साल के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया, जिसमें 1 लाख 16 हजार से अधिक अमेरिकी वयस्कों को शामिल किया गया था. इनमें से कुछ लोगों को गांजे की लत की समस्या थी.

एक्सपर्ट का बयान
अध्ययन के मुख्य लेखक डॉ. नील्स कोकोट ने बताया कि यह इस तरह का पहला बड़ा अध्ययन है, जिसमें सिर और गर्दन के कैंसर का सीधा संबंध गांजे के सेवन से जोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि यह जानना जरूरी है कि कौन से व्यवहार सिर और गर्दन के कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं, ताकि लोग इनसे बच सकें. अध्ययन के अनुसार, गांजे के सेवन से मुंह, गला, स्वरयंत्र, लार ग्रंथियां और ओरोफेरिंक्स (जिसमें जीभ, टॉन्सिल और गले की पिछली दीवार शामिल है) के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. हालांकि, अध्ययन में यह नहीं बताया गया कि गांजे का सेवन किस तरीके से किया गया, जैसे धूम्रपान या खाने के रूप में.

कैंसर का कारण
विशेषज्ञों का कहना है कि गांजे के धुएं में कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जो तंबाकू के धुएं में भी पाए जाते हैं और ये कैंसर का कारण बन सकते हैं. इसके अलावा, गांजे में मौजूद कुछ तत्व ऐसे एंजाइम को सक्रिय कर सकते हैं, जो कैंसर को बढ़ावा देते हैं. हालांकि, अध्ययन की कुछ सीमाएं भी हैं. उदाहरण के लिए, लोगों ने खुद ही गांजे के सेवन के बारे में बताया है, इसलिए इसकी सही मात्रा का पता नहीं चल पाया है. इसके अलावा, अध्ययन में शामिल लोगों की उम्र और लिंग के आधार पर तुलना की गई है, लेकिन अन्य कारकों जैसे शराब और तंबाकू के सेवन पर ध्यान नहीं दिया गया है.

और रिसर्च की जरूरत
विशेषज्ञों का कहना है कि इस अध्ययन के बाद और अधिक शोध की जरूरत है. लेकिन, इस अध्ययन के नतीजे काफी चिंताजनक हैं और गांजे के सेवन को लेकर लोगों को सचेत रहने की जरूरत है. गांजे को लेकर कई देशों में कानून बदल रहे हैं और इसे वैध किया जा रहा है. लेकिन, इस अध्ययन के बाद लोगों को गांजे के सेवन के बारे में सावधान रहने की जरूरत है और इसके संभावित खतरों के बारे में जानकारी होनी चाहिए.

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