केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे का निधन, सेप्सिस के कारण 3 दिन से थीं वेंटिलेटर पर, जानें क्या है ये बीमारी
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केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे का निधन, सेप्सिस के कारण 3 दिन से थीं वेंटिलेटर पर, जानें क्या है ये बीमारी

Madhavi Raje Scindia Demise: दिल्ली एम्स में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे का निधन हो गया. पिछले तीन दिनों से वह वेंटिलेटर पर थी. बताया जा रहा है कि उन्हें निमोनिया और सेप्सिस इंफेक्शन हुआ था. इस बीमारी के बारे में इस लेख में आप डिटेल में जान सकते हैं.

 

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां माधवी राजे का निधन, सेप्सिस के कारण 3 दिन से थीं वेंटिलेटर पर, जानें क्या है ये बीमारी

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां और ग्वालियर शाही परिवार की राजमाता माधवी राजे सिंधिया ने आज, बुधवार को दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली. 

बताया जा रहा है कि यहां पिछले तीन महीनों से उनका इलाज चल रहा था. इस बीच उन्हें निमोनिया और सेप्सिस इंफेक्शन भी हो गया था, जिसके बाद उनकी हालात इतनी खराब हो गयी कि उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा. 

क्या होता है निमोनिया?

निमोनिया आपके फेफड़ों में बैक्टीरिया, वायरस या फंगी के कारण होने वाला एक संक्रमण है. निमोनिया आपके फेफड़ों के टिश्यू में सूजन का कारण बनता है और फेफड़ों में तरल पदार्थ या मवाद का कारण बन सकता है. बैक्टीरियल निमोनिया आमतौर पर वायरल निमोनिया की तुलना में अधिक गंभीर होता है.

क्या निमोनिया सेप्सिस बन सकता है?

किसी भी प्रकार के संक्रमण से सेप्सिस हो सकता है. इसमें बैक्टीरियल, वायरल या फंगल संक्रमण शामिल हैं, जो अधिक सामान्य रूप से सेप्सिस का कारण बनते हैं उनमें निमोनिया जैसे फेफड़ों के संक्रमण शामिल हैं.

सेप्सिस क्या होता है?

CDC के अनुसार, यह एक जानलेवा मेडिकल है. सेप्सिस तब होता है जब बॉडी में पहले से ही एक संक्रमण होता है जो पूरे शरीर में एक चेन रिएक्शन को ट्रिगर करता है. सेप्सिस के अधिकांश मामले रोगी के अस्पताल जाने से पहले शुरू हो जाते हैं. सेप्सिस का कारण बनने वाले संक्रमण अक्सर फेफड़ों, यूरिनरी ट्रैक्ट, स्किन या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में शुरू होते हैं.
 

कैसे होता है सेप्सिस?

जब कीटाणु किसी व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करते हैं, तो वे संक्रमण का कारण बनते हैं. ऐसे में जब आप उस संक्रमण को नहीं रोक पाते हैं, तो यह सेप्सिस का कारण बन जाता है. बैक्टीरियल संक्रमण सेप्सिस के अधिकांश मामलों का कारण बनता है. सेप्सिस वाले अधिकांश लोगों में कम से कम एक अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति होती है, जैसे कि पुरानी फेफड़ों की बीमारी या कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली.

कब नजर आते हैं सेप्सिस के लक्षण

सेप्सिस इंफेक्शन का हमला जैसे-जैसे कंट्रोल से यह हार्ट, फेफड़ों, किडनी और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचाने लगता है. यह जानलेवा भी हो सकता है. सेप्सिस के शुरुआती लक्षण ऑर्गन फेलियर और मौत के लगभग 12 घंटे पहले नजर आते हैं. जिसके कारण हर तीन में से एक मरीज की मृत्यु हो जाती है.

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