Holistic Therapy: होलिस्टिक इलाज का क्यों बढ़ रहा है क्रेज? जानिए सेहत पर हो सकता है कैसा असर
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Holistic Therapy: होलिस्टिक इलाज का क्यों बढ़ रहा है क्रेज? जानिए सेहत पर हो सकता है कैसा असर

Holistic Approach: हमने अब तक एलोपैथिक, आयुर्वेदिक, यूनानी और होमियोपैथिक इलाजों के बारे में सुना है, लेकिन होलिस्टिक ट्रीटमेंट आखिर क्या है और ये सेहत के लिए कितना फायदेमंद है?

Holistic Therapy: होलिस्टिक इलाज का क्यों बढ़ रहा है क्रेज? जानिए सेहत पर हो सकता है कैसा असर

What is Holistic Medicine: आजकल बढ़ते दौर के साथ स्वास्थ्य समस्याएं भी काफी ज्यादा बढ़ती जा रही हैं, जिसके कारण लोगों में मेडिकेशन को लेकर अप्रोच बदलता जा रहा है. अब ऐसा देखा जा रहा है कि कई लोगों का रुझान एलोपैथिक दवाइयों की जगह होलिस्टिक मेडिसिन की तरफ बढ़ रहा है. कुछ मामलों में ये कारगर भी होता हुआ नजर आ रहा है, आइए जानते हैं कि ये क्या है और इससे हमारी सेहत को क्या-क्या फायदे हो सकते हैं.
 

क्या है होलिस्टिक मेडिसिन?

अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मिडिसन (National Library of Medicine) के मुताबिक होलिस्टिक मेडिसिन हेल्थकेयर के लिए एक नजरिया है, न कि तकनीकों का एक विशेष समूह. ये सेहत और बीमारी के मनोवैज्ञानिक, पारिवारिक, सामाजिक, नैतिक और आध्यात्मिक साथ ही जैविक आयामों को संबोधित करता है.  होलिस्टिक अप हर पेशेंट की यूनिकनेस, डॉक्टर और पेशेंट के बीच रिलेशनलशिप की मूचुअलिटी,  हर व्यक्ति की अपने स्वास्थ्य की देखभाल के लिए जिम्मेदारी और समाज की स्वास्थ्य को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी पर जोर देता है.

होलिज्म को लेकर क्रिटिसिज्म भी कम नहीं है

चूंकि होलिज्म एक काफी पॉपुलर कॉन्सेप्ट बनता जा रहा है, इसलिए होलिस्टिक मेडिसिन को सपोर्ट करने वाले और इसके आलोचक भी बढ़ते जा रहे हैं. ऐसी टेंडेंसी बन रही है कि विशेष चिकित्सीय पद्धतियों से इसकी बराबरी की बात हो रही है. ऐसे में पब्लिक हेल्थ को इग्नोर नहीं किया जा सकता. अगर कोई एकतरफा अप्रोच करता है तो ये उस इंसान की जिम्मेदारी होगी. हालांकि चीजों को पूरी तरह रिजेक्ट करने के बचाए उसके साइंटिफिक तरीकों पर बात करना जरूरी है.  भविष्य में रूढ़िवादी और वैकल्पिक नजरिए और तकनीकों को एक बड़े सिंथेसिस के पूरक भागों के रूप में देखा जाना चाहिए जो असल में होलिज्म के नाम के लायक होगा.

इन बातों का रखें ख्याल

होलिज्म बॉडी, माइंड, सोल और इमोशन को मिलाकर सेहत को बेहतर बनाने की बात करता है, जिससे मरीजों को फायदा भी होता नजर आया है, लेकिन हमें इस बात का ख्याल रखना होगा कि होलिस्टिक अप्रोच को आप किसी मेडिकल थेरेपी से कंपेयर न करें, बल्कि ये लाइफस्टाइल को बदलने का एक तरीका है, जो आपकी हेल्थ और वेलबीइंग में पॉजिटिव चेंजेज ला सकता है.

 

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

 

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